सागर जिला जल अभावग्रस्त घोषित, नलकूप खनन पर लगा प्रतिबंध
सागर, 26 फरवरी (हि.स.)। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी दीपक सिंह ने जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम 1985 तथा संशोधन अधिनियम 2002 (अधिनियम) की धारा-3 के अंतर्गत सागर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को आगामी 30 जून 2021 तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। संपूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी कर गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। जारी आदेश के अनुसार, जिले के सीमा क्षेत्र की सीमा में नलकूप एवं बोरिंग मशीन सबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना न तो ‘प्रवेश करेगी (सार्वजानिक सडक़ों से गुजरने वाली मशीनों को छोडकर) और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेगी। प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीनों को अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन, बोरिंग का प्रयास कर रही मशीनों को जप्त कर, पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार होगा। समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्रान्तर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच (संबंधित सहायक यंत्री, लोक स्वा.या विभाग की जांच) के पश्चात् अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया गया है। इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा-9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है। उपरोक्त आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजनान्तर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा। इस हेतु उपरोक्तानुसार अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगा। नवीन खनिज निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जलस्त्रोतों का, आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4क (1) के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति जो पेयजल परीक्षण अधिनियम की धारा 4 के अधीन कलेक्टर द्वारा पारित किसी आदेश से व्यथित हो, संभागायुक्त को आदेश की तारीख से 30 दिवस के भीतर अपील कर सकेगा। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश