मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ लागू हुआ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021

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राजपत्र में 27 मार्च को हुआ प्रकाशन भोपाल, 30 मार्च (हि.स.)। राज्य सरकार द्वारा लव जिहाद के खिलाफ बनाया गया मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 गजट नोटिफिकेशन के बाद तत्काल प्रभाव से प्रदेश में लागू हो गया है। गत दिनों विधानसभा द्वारा पारित अधिनियम राज्यपाल की अनुमति के बाद मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में 27 मार्च 2021 को प्रकाशित हुआ। इसके साथ ही यह प्रदेश में लागू भी हो गया। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी समर चौहान ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में एक धर्म से अन्य धर्म में विधि विरूद्ध संपरिवर्तन का प्रतिषेध, धर्म संपरिवर्तन के विरूद्ध परिवाद, धारा के उपबंधों के उल्लंघन के लिये दण्ड आदि का प्रावधान किया गया है। किसी व्यक्ति का धर्म संपरिवर्तन करने के आशय के साथ किया गया विवाह अकृत तथा शून्य होगा। इस संबंध में संपरिवर्तित व्यक्ति अथवा उसके माता-पिता या सहोदर भाई या बहन या न्यायालय की अनुमति से किसी व्यक्ति जो रक्त, विवाह या दत्तक ग्रहण संरक्षकता या अभिरक्षा जो भी लागू हो, द्वारा स्थानीय सीमाओं के भीतर न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर सकेंगे। अधिनियम के अनुसार जहाँ कोई संस्था या संगठन इस अधिनियम के किसी उपबंध का उल्लंघन करता है, वहाँ यथास्थिति ऐसी संस्था अथवा संगठन के कामकाज का भारसाधक व्यक्ति इस अधिनियम की धारा में यथा उपबंधित दण्ड का दायी होगा। इस अधिनियम के अधीन पंजीकृत अपराध का अन्वेषण पुलिस उप निरीक्षक से निम्न पद श्रेणी के पुलिस अधिकारी से नहीं किया जा सकेगा। धर्म परिवर्तन की पूर्व घोषणा अनिवार्य कोई व्यक्ति जो धर्म-सपंरिवर्तित करना चाहता है, इस कथन के साथ कि वह स्वयं की स्वतंत्र इच्छा से तथा बिना किसी बल, प्रपीड़न, असम्यक असर या प्रलोभन से अपना धर्म-संपरिवर्तन करना चाहता है, जिला मजिस्ट्रेट को चिन्हित प्ररूप में ऐसे धर्म-संपरिवर्तन से 60 दिवस पूर्व, इस आशय की घोषणा प्रस्तुत करेगा। उत्तराधिकार एवं भरण-पोषण का अधिकार इस अधिनियम के अनुसार नियमों के उल्लंघन से किये गये विवाह से जन्मा कोई बच्चा वैध समझा जाएगा। ऐसे बच्चे का संपत्ति का उत्तराधिकार पिता के उत्तराधिकार को विनियमित करने वाली विधि के अनुसार होगा। नियमानुसार घोषित शून्य और अकृत विवाह से जन्में बच्चे को अपने पिता की सम्पत्ति में अधिकार प्राप्त रहेगा। शून्य और अकृत विवाह घोषित होने के बावजूद महिला और जन्म लेने वाली संतान अधिनियम अनुसार भरण-पोषण पाने के हकदार होंगे। गौरतलब है कि मप्र विधानसभा में बजट सत्र के दौरान 08 मार्च 2021 को महिला दिवस के अवसर पर चर्चा के बाद यह अधिनियम पारित हुआ था। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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