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रेनबसेरा बने गरीबों का सहारा, अकेले इंदौर में साढ़े चार हजार से अधिक लोगों को मिला पांच माह में आश्रय

इंदौर, 14 फरवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश में अपने घरों से दूर शहर में काम पूरा करने पहुंचनेवालों या गरीबी की कारण किसी महफूज जगह रात गुजारने की कीमत नहीं चुका पानेवालों के लिए इन दिनों राज्य में शुरू हुए रेनबसेरे एक बड़ा माध्यम बनकर उभरे हैं। प्रदेश की आर्थिक राजधानी अकेले इंदौर शहर में ही पिछले पांच माह के दौरान ये रेन बसेरे साढ़े चार हजार से अधिक लोगों को अपने यहां आश्रय देने का माध्यम बने हैं। इंदौर शहर में नगर निगम द्वारा 10 रैन बसेरा संचालित किए जा रहे हैं। यहां लोग नि:शुल्क रात्रि में रुकने पहुंचते हैंं। नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि नगर निगम के माध्यम से इंदौर में क़िला मैदान आश्रय स्थल, गंगवाल बस स्टेण्ड, सुभाष नगर, गाड़ी अड्डा, पीपल्याहाना, सुखलिया, खजराना, पलसीकर कॉलोनी, झाबुआ टावर और टीबी हास्पिटल में रैन बसेरा संचालित किए जा रहे हैं। अपर आयुक्त अभय राजनगावकर ने रविवार को बताया कि ये सभी रैन बसेरा आउटसोर्स एजेंसी के सहयोग से संचालित की जा रही हैं। तुलनात्मक रूप से देखा गया है कि इन रैन बसेरों में प्राय: ठंड के दिनों में अधिक संख्या में लोग आकर रात बिताते हैं। किला मैदान स्थित आश्रय स्थल में अभी तक कुल 115, गंगवाल बस स्टेण्ड आश्रय स्थल में 535, सुभाष नगर आश्रय स्थल में 105, गाड़ी अड्डा आश्रय स्थल में 310, पीपल्याहाना आश्रय स्थल में 36, सुखलिया आश्रय स्थल में 278, खजराना आश्रय स्थल में 286, पलसीकर कॉलोनी आश्रय स्थल में 467, झाबुआ टावर आश्रय स्थल में 1447 और एमवाय परिसर स्थित टीबी हास्पिटल आश्रय स्थल में कुल 899 व्यक्तियों ने आश्रय पाया है। इस तरह अक्टूबर 2020 माह से लेकर अब तक कुल 4 हजार 478 लोगों को आश्रय स्थल में नि:शुल्क आश्रय दिया गया है। कोई बनावटी व्यवस्था नहीं की गई थी रैन बसेरों में निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि इन रैन बसेरों में आने वाले लोग अपनी आवश्यकता अनुसार ही यहां रहने के लिए आते हैं। प्राय: ऐसे लोग दूरदराज के स्थानों से इंदौर में आवश्यक काम के कारण आते हैं और एक या दो रात यहाँ रुकने के बाद चले जाते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अभी दो दिन पूर्व रैन बसेरा के भ्रमण के दौरान यहां बाहर के मुसाफिर सहज रूप से रूके हुए थे। जिला प्रशासन को रैन बसेरा में मुख्यमंत्री के भ्रमण की सूचना पूर्व निर्धारित नहीं थी। आकस्मिक रूप से रैन बसेरा में मुख्यमंत्री का भ्रमण किसी भी तरह से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में नहीं था। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के रैन बसेरों के भ्रमण के मद्देनजर कोई बनावटी व्यवस्था नहीं की गई थी। नगर निगम प्रशासन ने इस संबंध में कुछ अखबारों और सोशल मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित खबरों का खंडन किया है। नगर निगम ने उक्त खबरों के तथ्यों के पूर्णत: विपरीत बताते हुये बताया कि 12 फरवरी को रात्रि में सुखलिया स्थित रैन बसेरा में कुल 09 व्यक्ति रात्रि विश्राम के लिय ठहरे। इन 9 व्यक्ति में एक महिला थी। मुख्यमंत्री चौहान के इन्दौर प्रवास एवं रात्रि विश्राम के निर्धारित कार्यक्रम के अंतर्गत इन्दौर आने पर सुखलिया रैन बसेरा एवं झाबुआ टावर रैन बसेरा का औचक निरीक्षण किया गया। निगम द्वारा रैन बसेरा संचालन के लिये आउटसोर्स एजेंसियों को दिया गया है, जिसके अंतर्गत आवंटित एजेंसियां रैन बसेरा की प्रतिदिन के संचालन के कार्य को अनुबंध के अनुसार सम्पादित करती है। रैन बसेरा के भवन का संधारण एवं मरम्मत निगम द्वारा आवश्यकता अनुसार कराई जाती है। साथ ही एजेंसियों द्वारा संचालित किये जा रहे रैन बसेरों का समय-समय पर पर्यवेक्षण निगम अधिकारियों द्वारा किया जाता है। सुखलिया रैन बसेरा माँ आस्था सामाजिक विकास संस्था द्वारा संचालित किया जा रहा है। 12 फरवरी को मुख्यमंत्री द्वारा रात्रि 11 बजे सुखलिया रैन बसेरा का अवलोकन किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा सुखलिया स्थित रैन बसेरा में ठहरे हुए व्यक्तियों से सामान्य चर्चा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। रैन बसेरा के संचालक द्वारा बताया गया कि 12 फरवरी की रात्रि में रैन बसेरा में 09 यात्रियों में से 07 यात्री 13 फरवरी की सुबह तथा 2 यात्री रात्रि में ही चिकित्सा कारण से चले गये थे। रैन बसेरा में यात्री 24 घटें में स्वेच्छा से किसी भी समय आ अथवा जा सकते हैं। रैन बसेरा का उद्देश्य केवल आश्रय के लिये होता है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/मयंक-hindusthansamachar.in

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