poet-pradeep-is-the-heritage-of-the-country-pride-is-there-indians-are-proud-of-him-prof-hashmi
poet-pradeep-is-the-heritage-of-the-country-pride-is-there-indians-are-proud-of-him-prof-hashmi

कवि प्रदीप देश की धरोहर हैै, गौरव हैै, भारतवासियों को उन पर गर्वः प्रो. हाशमी

रतलाम, 07 फरवरी (हि.स.)। कवि प्रदीप ने जिंदगी के विभिन्न आयामों को अपनी कलम से रवानी दी है, उन्होंने कविता के धरातल पर नई कहानी दी है ,यह विरोधाभास प्रतीत हो सकता है कि कविता कविता है और कहानी कहानी है, फिर कैसे दे दी कवि प्रदीप ने कविता को रवानी तो इसका उत्तर यह है कि हर कविता में एक कहानी होती है और प्रियप्रवास के रूप में महाकाव्य बन जाता है, यही कविता दोहा है सोरठा है और चौपाई में समाहित होकर रामचरितमानस बन जाता है। कुल मिलाकर सार यह है कि कवि प्रदीप केवल बडनग़र जैसी छोटी जगह के या मध्य प्रदेश की गौरव नहीं है अपितु पूरे देश की धरोहर है, देश के गौरव है और प्रत्येक भारतवासी को उन पर गर्व है कि अपनी काव्य जनता से उन्होंने राष्ट्रप्रेम की मशाल प्रज्वलित की ,उनकी कविता में दोहो का सार नजर आता है तो छंद की लय भी सुनाई देती है और चौपाई की चेतना भी झलकती है, ए मेरे वतन के लोगों जैसे गीत कविता के आकाश में चमकता हुआ ध्रुवतारा है जो सास्वत है ,जीवंत है और भारतीय संस्कृति का दर्शन कराता है। उक्त विचार राष्ट्र भावना से ओतप्रोत गीतों के रचयिता राष्ट्र कवि प्रदीप की जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को शिक्षक सांस्कृतिक संगठन द्वारा आयोजित कवि प्रदीप स्मरण ऑनलाइन परिचर्चा में प्रख्यात कवि चिंतक एवं साहित्यकार अजहर हाशमी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कवि प्रदीप कविताओं के शिरोमणि हैं ,वे साहित्य के भीष्मा पितामह है ,उन्होंने अपनी रचनाओं में राष्ट्रप्रेम को स्थान देकर समूचे राष्ट्र को अपना बना लिया यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ मुरलीधर चांदीवाला ने कहा कि कवि प्रदीप न केवल मध्य प्रदेश और भारत के गौरव थे अपितु वे रतलाम से भी बहुत निकटता से जुड़े हुए थे ,शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय माणक चौक जिसे दरबार हाई स्कूल कहा जाता था वहां अपनी शिक्षा दीक्षा ग्रहण की और राष्ट्रप्रेम का बीच समर्थ नित्यानंद बावजी की प्रेरणा से उनमें जगा था ,उन्होंने अपने काव्य रचना को आजादी के वीर शहीदों को समर्पित किया था। उनकी शब्द रचना देश और देश पर मर मिटने वालों के लिए कालजई सिद्ध हुई । दुर्भाग्य है कि साहित्यकारों ने कवि प्रदीप को वह स्थान व प्रतिष्ठा नहीं दी जिसके वे हकदार थे । मध्यप्रदेश शासन को रतलाम में उनके नाम पर किसी प्रतिष्ठान चौराहे का नामकरण करना चाहिए। संस्था अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि कवि प्रदीप ने देशवासियों को अपनी शब्द रचना से एकता के सूत्र में बांधा था देशभक्ति की भावना उन्होंने प्रत्येक देशवासी में अपने शब्दों के माध्यम से जगा दी थी ऐ मेरे वतन के लोगों गीत सुनते ही हमारा सीना गर्व से ऊंचा हो जाता है राष्ट्रभक्त कवि को शत-शत नमन। सेवानिवृत्त प्राचार्य अनिला कंवर ने कहा कि कवि प्रदीप ने अपनी काव्य यात्रा फिल्म कंगन से आरंभ की थी उसके बाद भारत चीन युद्ध के समय लिखा गया गीत ए मेरे वतन के लोगों से वह देशवासियों के दिल में बस गए उनका स्मरण मात्र देश के प्रति सम्मान से हमारा सर नतमस्तक हो जाता है। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. सुलोचना शर्मा ने कहा कि भारत के बंटवारे के समय लिखा गया उनका गीत दूर हटो ए दुनिया वालो आज भी हमारी एकता और अखंडता को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त है कवि प्रदीप ने भारतीयों के मन में देशभक्ति का जज्बा उत्पन्न कर अपने राष्ट्रप्रेम का परिचय दिया था उनका स्मरण करना ही सच्ची राष्ट्रभक्ति है। सचिव दिलीप वर्मा ने कहा कि कवि प्रदीप एक महान गीतकार थे ,उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से साहित्य की शुद्धता गीतों की मधुरता और देशभक्ति का ऐसा वातावरण निर्मित किया था जिसमें हर किसी को अपने मुल्क अपने देश पर फक्र होता था। कवि एवं सेवानिवृत्त शिक्षक श्याम सुंदर भाटी ने कहा कि आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की जैसे गीतों की रचना कर उन्हें संपूर्ण भारत को पूरी दुनिया को दिखाया था भारत के प्रति उनकी जो भावना थी वही उनके गीतों में दिखाई देती थी। हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in