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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ड्राफ्ट का अच्छे से अध्ययन कर दें अपने सुझाव : मंत्री परमार

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए टास्क फोर्स की वर्चुअल बैठक हुई भोपाल, 07 अप्रैल (हि.स.)। स्कूल शिक्षा एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य भारत को वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति बनाना हैं। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाने और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति कई वर्षों के अध्ययन, चिंतन और विभिन्न शिक्षाविदों के साथ मंथन उपरांत तैयार की गई है। इसके उद्देश्यों के अनुरूप क्रियान्वयन हम सभी की जिम्मेदारी है। आप सभी के प्राप्त सुझावों के आधार पर क्रियान्वयन की योजना और प्रक्रिया निर्धारित की जायेगी। इसके लिए आप सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को अच्छे से अध्ययन करे, ड्राफ्ट के बारे अपने विद्यालय, मोहल्ले, समाज के नागरिकों, शिक्षाविदों आदि से चर्चा करे और अपने महत्वपूर्ण सुझाव टास्क फोर्स की बैठकों में प्रस्तुत करें। मंत्री परमार की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स की प्रारंभिक बैठक मंत्रालय में वर्चुअली कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं को प्रभावी तौर पर लागू करने एवं स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता के विकास के लिए सुझाव और मार्गदर्शन के लिए राज्य शासन द्वारा टास्क फोर्स का गठन किया गया है। टास्क फोर्स में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को सदस्य सचिव, आयुक्त लोक शिक्षण और आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र संचालक को सदस्य, सचिव मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल, संचालक मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड और निदेशक महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान को पदेन सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न जिलों से शासकीय और अशासकीय क्षेत्र के 24 प्रतिनिधियों को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। बैठक में जिलों के सभी सदस्य कलेक्ट्रेट के एनआईसी कक्ष से बैठक में वर्चुअली उपस्थित रहें। सदस्यों ने प्रारंभिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, शिक्षक शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा कॉम्प्लेक्स, बुनियादी और आधारभूत शिक्षा, डिजिटल ऑनलाइन शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा आदि विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। राज्यमंत्री परमार ने सभी उपयुक्त सुझावों को उपसमितियों के माध्यम से पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी, लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत, हिंदी ग्रंथ अकादमी के निदेशक अशोक कड़ेल, संचालक केके द्विवेदी, निदेशक राज्य ओपन बोर्ड प्रभातराज तिवारी सहित संबंधित अधिकारी और सदस्य उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार / उमेद

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