श्रावण के अंतिम सोमवार को निकलेगी भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी
श्रावण के अंतिम सोमवार को निकलेगी भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी

श्रावण के अंतिम सोमवार को निकलेगी भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी

कोरोना संकट के चलते शहर में नहीं होगा चलन, वर्षो पुरानी परंपरा टूटेगी मन्दसौर, 02 अगस्त (हि.स.)। वर्ष 2020 के सभी तीज - त्यौहार, उत्सव एक के बाद एक करके कोरोना महामारी की भेंट चढ़ते जा रहे है। इसी क्रम में मंदसौर नगर में वर्षो से निकलने वाली भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी भी कोरोना की जद में आ गई है। इस बार शाही सवारी का स्वरूप अत्यंत ही छोटा होगा ओर सवारी नगर भ्रमण न करते हुए सिर्फ मंदिर परिसर में ही घुमेगी। आज सावन के अंतिम सोमवार को भगवान पशुपतिनाथ ही शाही सवारी निकलेगी। भूतभावन भगवान आशुतोष उसी ठांठ बांट के साथ रजत प्रतिमा के रूप में रथ में सवार होगे, लेकिन कोरोन की वजह से सवारी नगर में नहीं निकलेगी सिर्फ मंदिर परिसर में सवारी निकालकर औपचारिकताएं पूर्ण की जायेगी। वैश्विक महामारी कोरोना कोविड 19 के कहर के कारण सोशल डिस्टेसिंग के साथ भव्य रथ में भगवान की रजत प्रतिमा के दर्शन भक्तजन मंदिर परिसर में ही कर सकेगें और इस कोरोना माहमारी से निजात पाने की कामना को लेकर भक्ति में डुबेगें। यह जानकारी देते हुए भगवान श्री पशुपतिनाथ प्रातः काल की आरती मण्डल के अध्यक्ष पं.दिलीप शर्मा प्रवक्ता उमेश परमार ने बताया कि, श्रावण मास के अंतिम सोमवार को हर वर्ष भूत-भावन भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव नगर भ्रमण पर निकलते है और असंख्य जनसमुदाय शाही सवारी में सम्मिलित होता है और भगवान के दर्शन करता है, परंतु इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण शासन के नियमों के अनुसार पशुपतिनाथ मंदिर प्रांगण में ही शाही सवारी का अनुंठा आयोजन होगा। भगवान की रजत प्रतिमा के दर्शन वर्ष भर में श्रावणमास के अंतिम सोमवार को ही धर्मालुजन करते है। भगवान की रजत प्रतिमा का भव्य श्रंगार कर रथ को सुसज्जित किया जावेगा और रथ के आसपास रस्सी लगा दी जावेगी ताकी भक्तजन दूर से ही सामाजिक दूरी के साथ दर्शन कर सकें। उन्होंने बताया कि, हर वर्ष भगवान की रजत प्रतिमा का पूजन अर्चन आरती करने के पश्चात पुलिस प्रशासन द्वारा एक चार के गार्ड द्वारा भगवान को सलामी दी जाती है उसी अनुरूप प्रांगण में ही भगवान को सलामी दी जावेगी। उन्होंने भक्तजनों से मास्क पहनकर आने का और सामाजिक दूरी का पालन करने का आव्हान किया। हिन्दुस्थान समाचार/अशोक झलौया/विजयेन्द्र/राजू-hindusthansamachar.in

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