panna-district-declared-drinking-water-scarcity
panna-district-declared-drinking-water-scarcity

पन्ना जिला पेयजल अभावग्रस्त घोषित

पन्ना, 03 मार्च (हि.स.)। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी संजय कुमार मिश्र ने बुधवार को सम्पूर्ण पन्ना जिले को पेयजल अभावग्रस्त घोषित किया है। इस संबंध में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के प्रतिवेदन प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम 1986 एवं संशोधन 2002 (आगे अधिनियम) के अन्तर्गत आदेश जारी किया गया है। दरअसल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जिले में सामान्य से कम वर्षा होने के कारण सम्पूर्ण जिले को आगामी समय में उत्पन्न होने वाली पेयजल समस्या के निवारण के लिए 15 जुलाई 2021 तक अथवा पर्याप्त वर्षा होने तक पेयजल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किए जाने का प्रस्ताव कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी को प्रेषित किया गया था। जिला दण्डाधिकारी संजय कुमार मिश्र ने लोकहित में आवश्यक जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रबंध करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम 1986 एवं संशोधन 2002 (आगे अधिनियम) की धारा-3 के अन्तर्गत सम्पूर्ण पन्ना जिले को 15 जुलाई 2021 तक अथवा पर्याप्त वर्षा होने तक के लिए पेयजल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा है कि सम्पूर्ण पन्ना जिले को जल अभावग्रस्त घोषित किए जाने का आशय यह होगा कि कलेक्टर या प्राधिकृत अन्य अधिकारी की अनुमति के बिना कोई व्यक्ति किसी जल स्त्रोत तथा नदी बंधान, जलधारा, जलाशय आदि सहित किन्ही जल क्षेत्र से सिंचाई या औद्योगिक प्रयोजन हेतु किंही भी साधनों द्वारा जल नही लेगा एवं सम्पूर्ण जिले में सिंचाई, उद्यानिकी, औद्योगिक प्रयोजन तथा भवन निर्माण हेतु नलकूप/कुओं का खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। जिले के नदी/नालों पर संचालित उद्वहन सिंचाई योजनाओं में पानी उपलब्धता के आधार पर संबधित ग्राम पंचायत व जल उपभोक्ता संस्था की अनुशंसा और जल संसाधन विभाग के प्रतिवेदन के आधार पर इस कार्यालय द्वारा सिंचाई की अनुमति दी जाएगी। जिन नदी/नालों में पानी बह रहा है वहां नदी/नालों में रूके हुए पानी के लिए कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। केन्द्रीय शासन एवं उनके उपक्रमों और राज्य शासन के विभागों व उनके उपक्रमों को नलकूप खनन की छूट इस शर्त पर दी जाती है कि जिस स्थान पर नलकूप खनन किया जा रहा है वह मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-6 के अनुसार व्यक्तिकरण परिक्षेत्र में नही आता है। उन्होंने पन्ना नगर के मुख्य तालाब धरमसागर/लोकपालसागर/निरपतसागर तालाब से पेयजल की सप्ताई होती है इन तालाबों से सिंचाई हेतु पानी लेना या भवन निर्माण हेतु पानी लेना पर्याप्त वर्षा होने तक प्रतिबंधित किया है। निर्धारित क्षेत्रों में नदी/बांधों/नहरों जलाशयों बंधानों से घरेलू प्रयोजन के अतिरिक्त किसी अन्य प्रयोजन के लिए जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी है कि वह प्रतिबंधित क्षेत्रों में स्थापित मोटर पम्प की सूची मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के कार्यपालन यंत्री को उपलब्ध कराएं। जिससे की ऐसे मोटर पम्पों के विद्युत विच्छेद की नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा सके। यदि कोई व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करता है तो वह अधिनियम की धारा-9 के अन्तर्गत 2 वर्ष के कारावास या जुर्माना जो दो हजार रुपये तक का हो सकेगा या दोनों से दण्डनीय होगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर 15 जुलाई 2021 तक प्रभावशील रहेगा तथा इस आदेश का कडाई से पालन किया जाए। यह आदेश सम्पूर्ण पन्ना जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में समान रूप से लागू रहेगा। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in