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बिड़ला घराना की ग्रेसिम कंपनी की बहुमंजिला कालोनियों की न्यायिक जांच का आदेश

मप्र शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने विभाग के आयुक्त को सौंपी जिम्मेदारी नागदा/ उज्जैन 23 मार्च (हि.स.)। मप्र में कथित अवैध कॉलोनियों के निर्माण के खिलाफ जारी अभियान में उज्जैन जिले के नागदा स्थित बिड़लाग्राम में संचालित बिड़ला घराना की ग्रेसिम कंपनी की बहुंमंजिला रिहायशी कॉलोनियों भी जांच के घेरे मे आ गई है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय ने एक शिकायत के बाद ग्रेसिम प्रबंधन पर नजर टेडी कर ली है। बिड़लाग्राम क्षेत्र में तनी बहुमंजिला कॉलोनियों की वैद्यता की जांच करने का आदेश जारी किया है। जांच की जिम्मेदारी नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त को सौंपी गई है। जांच का यह आदेश विभाग के उपसचिव डॉ. शुभाशीष बैनर्जी ने जारी किया है। आदेश की प्रति हिन्दुस्थान समाचार संवाददाता नागदा के पास सुरक्षित है। इस आदेश में खुलासा किया गया है कि मप्र राज्य समन्वयक अखिल भारतीय असंगठित कामगार कांग्रेस अभिषेक चौरसिया की शिकायत पर कार्य की जा रही है। जांच आदेश में आयुक्त को दिशा-निर्देश दिया गया है कि इस मामले में जांच कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन शीध्र भेजा जाए। उद्योग प्रबंधन का पक्ष जानने के लिए ग्रेसिम जनसंपर्क अधिकारी संजय व्यास से मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। शिकायतकर्ता ने की पुष्टि इस जांच आदेश के बारे में शिकायतकर्ता से संपर्क करने पर उन्होंने हिस संवाददाता को बताया एक सूचना अधिकार के माध्यम से उन्होंने नपा नागदा से ग्रेसिम की तनी बहुमंजिला रिहायशी कॉलोनियों की वैधता के प्रमाण मांगे थे। नपा ने लिखित जवाब में कोई अनुमति नहीं लेना बताया, साथ ही जिस भूमि पर कॉलोनियों का निर्माण किया गया, उसके डायवर्सन के कोई प्रमाण भी नपा के पास उपलब्ध नहीं है। अभिषेक का कहना है कि प्रदेश में बिना अनुमति के निर्माण कार्य करने पर दोषी लोगों को जेल में बंद किया जा रहा है और यहां पर प्रशासन ने उद्योग प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की तो उन्होंने स्वयं वल्लभ भवन भोपाल में उच्च अधिकारियों से मिलकर शिकायत पेश की। उच्च अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच का आदेश दिया है। विधानसभा में भी उठा प्रश्न ग्रेसिम कॉलोनियों के निर्माण की वैधता को लेकर मप्र विधानसभा में छतरपुर जिले के विधायक राजेशकुमार प्रजापति ने भी मामला उठाया था। जिसके जवाब में बताया गया कि जांच के उपरांत कुछ कहा जा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/ कैलाश सनोलिया

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