नये साल के 22 दिन में 8 बार बढ़े तेल के दाम तो 365 दिन में कितनी बार बढ़ेंगे?: माकपा

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भोपाल, 24 जनवरी (हि.स.)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने रविवार को जारी अपने बयान में कहा है कि नए साल की आमद ही पैट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के साथ हुई है। जनवरी माह के 22 दिन में ही पैट्रोल और डीजल के दाम 8 बार बढ़े हैं। यदि यही रफ्तार रही तो कल्पना की जा सकती है कि साल भर में 365 दिन में कितनी बार दाम बढ़ेंगे? माकपा नेता ने कहा कि जब दुनिया भर में तेल की कीमतें दो साल पहले की तुलना में बहुत नीचे हैं, तब भी भारत में तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि तेल कंपनियों और दो विशेष कारपोरेट घरानों को मुनाफे पहुंचाने के लिए हो रही है। जाहिर है कि मोदी सरकार के लिए जनता को राहत देने की बजाय कारपोरेट घरानों के मुनाफे सुनिश्चित करना ज्यादा जरूरी है। इसी से साफ हो जाता है कि यह सरकार जनता की नहीं बल्कि कारपोरेट की सरकार है। पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के समय डीजल और पैट्रोल पर क्रमश: 13 व 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाई थी। तब सरकार ने झूठ बोल कर कहा था कि इसका असर आम जनता पर नहीं होगा, मगर लगातार तेल की बढ़ती कीमतों और महंगाई से साफ है कि सारा बोझ मेहनतकश जनता और मध्यम वर्ग पर ही डाला जा रहा है। उन्होंने कहा है कि दिसम्बर 2019 में जब कच्चे तेल की कीमत 4745 रुपये प्रति बैरल थी, तब पैट्रोल 72 रुपये लीटर था और मई 2020 में जब कच्चे तेल की कीमत गिरकर 1539 रुपये प्रति बैरल हो गई थी, तब पैट्रोल 75 रुपये लीटर हो गया था और अब तो पैट्रोल 93.14 रुपये लीटर और डीजल 83.41 रुपये लीटर हो गया है। माकपा ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि जनता को लूटने वाली नीतियों से भाजपा को बाज आना चाहिए। माकपा ने इस लूट को खिलाफ जनता से भी प्रतिरोध में खड़ा होने की अपील की है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद-hindusthansamachar.in

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