एनएसयूआई ने एमबीबीएस इंटर्न डॉक्टरों की मांगों को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा
एनएसयूआई ने एमबीबीएस इंटर्न डॉक्टरों की मांगों को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा

एनएसयूआई ने एमबीबीएस इंटर्न डॉक्टरों की मांगों को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा

भोपाल, 29 जुलाई (हि.स.)। एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार ने बुधवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को ज्ञापन सौंपकर एमबीबीएस (इंटर्न) डॉक्टरों के वेतन और स्टाइपेंड को बढ़ाने की मांग की है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री को ज्ञापन के माध्यम से रवि ने कहा कि आज विश्वव्यापी कोरोना महामारी के समय में अपने प्राणों को जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे एमबीबीएस इंटर्न डॉक्टरों को दिए जाने वाले वेतन स्टाइपेंड में वृद्धि कर प्रतिदिन 1000 रुपये के हिसाब से वेतन दिया जाए, क्योंकि अभी वर्तमान में जो वेतन दिया जा रहा हैं वह अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है। प्रदेश संयोजक रवि परमार ने कहा कि सभी इंटर्न डॉक्टर मेहनत और ईमानदारी से इस कोरोना महामारी में अपना फर्ज निभा रहे हैं लेकिन शासन द्वारा उनके कार्य के अनुसार भुगतान नहीं किया जा रहा है जो कि इंटर्न डॉक्टर के साथ अन्याय हैं। प्रदेश संयोजक रवि परमार ने कहा कि प्रदेश के कोरोना योद्धाओं (डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ) ने जब शासन द्वारा पीपीए किट और माक्स उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे थे उस समय स्वयं खरीद कर कोरोना से लड़ाई लड़ी है। कई डॉक्टरों को तो शासन ने आवागमन के संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराए थे जिससे उनको कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। रवि के अनुसार मध्य प्रदेश के इंटर्न डॉक्टर जो पिछले 3 माह से कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं। उनको कार्यानुरूप वेतन न देकर शासन उनके साथ अन्याय कर रहा हैं और जब उन कोरोना वारियर्स डॉक्टर द्वारा इसका विरोध प्रदर्शित किया गया तो शासन ने उन्हें 3 माह बाद भुगतान किया और कई डॉक्टरों का तो अभी तक भुगतान ही नहीं किया गया। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से आग्रह करते हुए कहा है कि सभी का समय पर भुगतान करने के साथ-साथ वेतन में वृद्धि करे जिससे कि किसी भी कोरोना योद्धा को निराश ना होना पड़े। कोरोना जैसे संकट के समय मे सभी इंटर्न डॉक्टर कोरोना से संक्रमित मरीजों की सेवा पूरे निस्वार्थ भाव से, 8 से 12 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। सभी इंटर्न डॉक्टर की समय अवधि को ध्यान में रखकर सभी इंटर्न डॉक्टर का वेतन स्टाइपेंड 1 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से देना सुनिश्चित करवाकर पिछले तीन माह के वेतन में यही मानदेय जुड़वाने के लिये अधिकारियों को निर्देशित करने की मांग की। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in