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शिक्षा प्रणाली में आमूलचल परिवर्तन कर बनाई जा रही नई शिक्षा नीतिः राज्यमंत्री परमार

शाजापुर, 05 फरवरी (हि.स.)। वर्तमान में चल रही शिक्षा प्रणाली में अमूलचल परिवर्तन कर नई शिक्षा नीति बनायी जा रही है। इसका ड्रॉफ्ट बनकर तैयार हो गया है। सभी लोग ड्रॉफ्ट पढ़कर अपने अमूल्य सुझाव दे सकते हैं। यह बात प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री इंदरसिंह परमार ने शुक्रवार को जनपद पंचायत मो. बड़ोदिया के ग्राम बोलाई में बने नवीन ग्राम पंचायत भवन के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हमारे देश पर 200 साल तक अंग्रेजों ने राज किया। उनकी बनायी गई शिक्षा नीति का अभी भी पालन कर रहे हैं। इस शिक्षा नीति में बदलाव की आवश्यकता है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 4 वर्ष तक गहन मंथन कर नई शिक्षा नीति का ड्रॉफ्ट तैयार किया है। नई शिक्षा नीति में भारत केन्द्रित शिक्षा को आधार बनाते हुए इसमें सभी भारतीय भाषाओं और इतिहास का समावेश किया गया है। विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए शिक्षकों के भी प्रशिक्षण एवं उनके आचरण, विचार, नैतिक व्यवहार आदि पर जोर दिया गया है। नई शिक्षा नीति को ज्ञान आधारित बनाने के लिए भी इसमें परंपरागत व्यवसायों एवं स्किल्स को प्राथमिकता दी जायेगी। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक प्रशिक्षण पर भी जोर दिया गया है। हमारे यहां आज भी कई ऐसे लोग हैं जिन्हें अक्षर ज्ञान तो नहीं हैं लेकिन वे अपने पारंपरिक कार्यों में निपुण है। कोरोना कॉल में जहां विश्व के अन्य देशों में अत्यधिक मृत्यु हो रही थी। वही हमारे देश में आयुष काढ़े के कारण लोगों की रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हुई, जिससे कोरोना के कारण अन्य देशों की तुलना में हमारे यहां की मृत्यु दर कम रही है। राज्यमंत्री परमार ने कहा कि प्रदेश में कुल 10 हजार मुख्यमंत्री राईजिंग स्कूल बनाएंगे, जिसमें से पहली बार में 350 स्कूल बना रहे हैं, जो नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा देंगे। उन्होंने बताया कि बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग स्कूल न खोलते हुए को-एजुकेशन को भी बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि सब लोग मिलकर क्षेत्र का विकास करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत बोलाई द्वारा गुणवत्तापूर्ण भवन एवं उद्यान्न बनाया है, जो अन्य के लिए भी प्रेरणादायी है। सभी सरपंच भवन को देखें और इसी स्तर का भवन बनाए। राजस्व से संबंधित शिकायतें गुलाना में सर्वाधिक होने के कारण अभियान चलाकर जिला प्रशासन द्वारा फौती नामांतरण, अविवादित बटवारा जैसे अन्य समस्याओं का निराकरण कर इस तहसील को आदर्श बनाने का प्रयास किया है, इसके लिए जिला प्रशासन बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस मौके पर कन्या पूजन भी किया गया। इस अवसर पर यशवंतसिंह सोनगरा द्वारा लिखी गई शिक्षार्थ पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। साथ ही कोविड-19 के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले डॉ. सचिन नायक का भी साफा पहनाकर सम्मान किया गया। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश-hindusthansamachar.in

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