नागपंचमी पर वर्ष में एक बार खुलते हैं भगवान नागचन्द्रेश्वर के पट
नागपंचमी पर वर्ष में एक बार खुलते हैं भगवान नागचन्द्रेश्वर के पट

नागपंचमी पर वर्ष में एक बार खुलते हैं भगवान नागचन्द्रेश्वर के पट

उज्जैन, 24 जुलाई (हि.स.)(अपडेट)। शनिवार, 25 जुलाई को महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी पर्व मनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर श्रीनागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार चौबीस घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन ही खुलते हैं। हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान का आभूषण भी माना गया है। श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर में 11 वीं शताब्दी की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है, प्रतिमा में फन फैलाए नाग देवता के आसन पर भगवान शिव -पार्वती बैठे हैं। बताया जाता है कि पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें विष्णु भगवान की जगह भगवान श्री भोलेनाथ सर्प शय्या पर विराजित हैं। साथ में दोनों के वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित हैं। शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं। कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। आज शुक्रवार की रात्रि 12 बजे पट खुलेंगे। पट खुलने के बाद विशेष पूजा-अर्चना होगी। नागचन्द्रेश्वर भगवान की होगी त्रिकाल पूजा नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। जिसमें शुक्रवार 24 जुलाई की रात्रि 12 बजे पट खुलने के पश्चात श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत विनीत गिरी जी एवं कलेक्टर एवं महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया जाएगा। पूजन में सर्वप्रथम गणेश पूजन, क्रमबद्ध सभी विग्रहों का पूजन होकर फिर श्री नागचन्द्रेश्वर का पूजन होगा। रविवार 25 जुलाई को अपरान्ह: 12 बजे अखाडे द्वारा पूजन होगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा 25 जुलाई को ही श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती के पश्चात श्री नागचन्द्रेश्वर जी की पूजन आरती मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा की जाएगी। मंदिर के पट शनिवार रात्रि 12 बजे बंद होंगे। इस प्रकार होगी दर्शन व्यवस्था वर्तमान परिस्थिति व कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा, शासकीय अनुदेशों के अनुपालन, भौतिक दूरी बनाये रखने व अन्य एस.ओ.पी. को दृष्टिगत रखते हुए सामान्यजन अपने घरों से ही विभिन्न प्रसार मध्यमों लोकल केबल, फेसबुक पेज, मंदिर की वेबसाईट, ट्विटर व विभिन्न चेनल आदि द्वारा श्री नागचन्द्रेश्वर जी के दर्शन का लाभ ले सकेंगे। इससे देश -विदेश के लाखों श्रद्धालु दर्शन का पुण्य लाभ ले सकेंगे। मंदिर में दर्शन की वर्तमान व्यवस्था अनुसार केवल मध्य प्रदेश के निवासी जिन्हें ऑनलाईन प्रि-बुकिंग अनुमति प्राप्त हो चुकी है वे ही प्रवेश कर सकेंगे। प्रदेश के बाहर से आने वाले श्रद्धालु केवल शिखर दर्शन कर सकंगे, मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। 250 रुपये की रसीद कटाने पर शीघ्र दर्शन व्यवस्था बंद रहेगी। मीडिया कर्मियों के लिये मंदिर कंट्रोल रूम के पास कवरेज के लिए बैठक की विशेष व्यवस्था की गई है। श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर में केवल सीमित अधिकृत पुजारी आदि को ही अनुमति है अत: अन्य मीडियाकर्मी का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। मंदिर के अधिकृत कैमरामेन पट खुलने व पूजन -अर्चन का कवरेज कर प्रेषित करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर/राजू-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in