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मध्यप्रदेश के प्रत्येक ज़िले में दो तालाबों को बनाएंगे मॉडल : मंत्री सिलावट

जल संसाधन मंत्री ने इंदौर में बोराना खेड़ी तालाब का किया निरीक्षण, कहा- इंदौर से जल, तालाब और पर्यावरण के बचाव का महाअभियान शुरू होगा भोपाल, 27 फरवरी (हि.स.)। प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश के प्रत्येक ज़िले में दो तालाबों का जीर्णोद्धार कर मॉडल तालाब बनाएगा। उन्होंने शनिवार को सांवेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बोरानाखेड़ी तालाब का निरीक्षण किया और कहा कि अभियान की शुरुआत इस तालाब से की जाएगी। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर मनीष सिंह एवं अन्य संबंधित अधिकारी और ग्रामीणजन उपस्थित थे। मंत्री सिलावट ने ग्राम बोरानाखेड़ी में 44 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले जल संसाधन विभाग के तालाब का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस तालाब का जीर्णोद्धार का कार्य जन-सहयोग से किया जाएगा। मंत्री एवं जन-प्रतिनिधि तालाब गहरीकरण में श्रमदान करेंगे। इसमें सभी की सहभागिता होगी। मौक़े पर मौजूद आस-पास के गाँवों के सरपंचों ने भी श्रमदान में सहमति के साथ सूख चुके तालाब के बीच में खड़े होकर जीर्णोद्धार का संकल्प भी लिया। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण का यह पुनीत कार्य सभी की सहभागिता से किया जाएगा। इसे हम जल आंदोलन का रूप देंगे। उन्होंने कहा कि तालाब के जीर्णोद्धार से यहाँ जल स्तर बढ़ेगा, जिसका फ़ायदा किसानों को मिलेगा। उन्होंने तालाब की पाल को ऊँची करने के भी निर्देश दिए। सिलावट ने मौक़े पर उपस्थित जिला पंचायत के सी. ई. ओ. को अगले चार दिवस में जीर्णोद्धार कार्यों की योजना बनाने के निर्देश दिए। इंदौर में तालाब संरक्षण की योजना बनाने के लिए आगामी मंगलवार को ग्रामीणों की उपस्थिति में कलेक्टर कार्यालय में बैठक रखने के लिए भी कहा। मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि तालाब हमारी धरोहर है। बोराणा खेड़ी के इस तालाब में विदेशी प्रवासी पंछी भी ठण्ड के दिनों में आते हैं। हम यहाँ जल संपदा बढ़ाएंगे, जिससे अधिक से अधिक संख्या में पक्षी आ सकें। उन्होंने निकट के खेमाना और अरणखेड़ी गाँव का भी भ्रमण कर तालाबों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के सभी तालाबों को संरक्षित करने का कार्य किया जाएगा। मंत्री सिलावट ने कहा कि आज से पच्चीस बरस पहले ग्रामवासी नदी और तालाबों का पानी पेयजल के रूप में भी उपयोग करते थे, जो शुद्ध हुआ करता था। लेकिन आज दुर्भाग्य यह है कि नदी-नाले, तालाब सभी सूख चुके हैं। उन्होंने कहा कि तालाबों की ज़रूरत जितनी मानव समाज को है, उससे ज़्यादा पशु-पक्षियों को भी है। सिलावट ने कहा कि मध्यप्रदेश के ऐसे सभी बड़े तालाब जिनका रक़बा 50 हेक्टेयर से अधिक है सभी का जीर्णोद्धार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तालाबों का गहरीकरण, जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और निकटवर्ती क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाते हुए वहाँ वृक्षारोपण का कार्य किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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