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अपने ही घर में घिरे मंत्री यादव, स्वास्थ्य सुविधायें छीनने के विरोध में रहा बंद

अपने ही घर में घिरे मंत्री यादव, स्वास्थ्य सुविधायें छीनने के विरोध में रहा बंद अशोकनगर,05 फरवरी (हि.स.) जिले के बहादुरपुर कस्बे से खंड चिकित्सा कार्यालय को मुंगावली स्थानांतरित करने के विरोध में लोगों ने शुक्रवार को बहादुरपुर बंद रखा और धरना, प्रदर्शन किया गया।बहादुरपुर कस्बे में 1977 से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय था। पर बीते दिनों मुंगावली विधानसभा क्षेत्र से सिंधिया समर्थक प्रदेश के पीएचई राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव द्वारा बहादुरपुर के खंड स्तरीय चिकित्सा कार्यालय को मुंगावली स्थानांतरित करा दिया गया। जिससे बहादुरपुर वासियों में बेहद नाराजगी है। इसे लेकर बहादुरपुर में सभी प्रतिष्ठान शुक्रवार को बंद रहे और लोगों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान कस्बे के व्यापारियों, मजदूरों व किसानों ने पूरा समर्थन देते हुए न केवल बाजार बंद किया बल्कि पूरे समय धरना स्थल पर डटे रहे। धरना सुबह दस बजे से शुरू किया गया था, जो दोपहर 2 बजे समाप्त किया गया। इस दौरान तहसीलदार सोनू गुप्ता धरना स्थल पर पहुंचे, जिन्हें प्रदर्शनकारियों द्वारा एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम सौंप कर इस आदेश को निरस्त करने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि खण्ड स्तरीय अस्पताल होने से यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 6 बिस्तरों का वार्ड, प्रसूति वार्ड, पोस्टमार्टम, दो आयुष चिकित्सक, नेत्र चिकित्सा सहायक, बीएमओ, बीपीएम, बीसीएम, एमटीएस, बीईई, डीईओ, बीएएम, लैब टेक्नीशियन सहित अन्य पद स्वीकृत हैं। लेकिन यह दर्जा छिन जाने से यह एक सामान्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनकर रह जाएगा। जिससे क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रतिकूल असर होगा। इस धरना प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांग रखी, साथ ही कहा कि यह जन आंदोलन इस मनमाने आदेश के निरस्त होने तक चलता रहेगा। देने के बजाय क्यों छीनी जा रहीं सुविधाएं: वर्ष 1977 में स्थापना के बाद से ही खण्ड स्तरीय अस्पताल कस्बे में संचालित है। इसके लंबे समय बाद दो वर्ष पहले कस्बे को तहसील मुख्यालय का दर्जा मिला है और कृषि उप मंडी भी स्वीकृत होने के बाद बनकर तैयार हो चुकी है। कस्बेवासी ग्राम पंचायत से नगर पंचायत में प्रोन्नत करने व शासकीय महाविद्यालय की मांग कर रहे हैं लेकिन बीते दिनों आए इस आदेश ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सुविधाएं देने के बजाय क्यों छीनी जा रही हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष ने लिखा पत्र: स्थानांतरण आदेश को निरस्त कराने के लिए कस्बेवासियों की मांग के समर्थन में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती बाई साहब यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और खण्ड स्तरीय अस्पताल को यथावत रखने के साथ कस्बे को नगर परिषद बनाने की मांग की है। एक साल के अंदर बदल दी 50 साल पुरानी व्यवस्था: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं व उनकी निगरानी के लिए करीब 50 वर्ष पूर्व प्रत्येक विकासखण्ड में छोटे कस्बों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी रखे गए थे। जिनमें गुना के पास भदौरा, अशोकनगर के पास शाडोरा, मुंगावली के पास बहादुरपुर व चांचौड़ा के पास बीनागंज में खण्ड स्तरीय अस्पताल की स्थापना हुई थी। इनमें से बहादुरपुर के अस्पताल को बीते वर्ष तत्कालीन मुंगावली विधायक बृजेन्द्र सिंह यादव के अनुमोदन पर मुंगावली ले जाने की प्रक्रिया शुरू की गई। तत्समय भी इस निर्णय का विरोध हुआ था लेकिन दिसम्बर 2020 में स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा एक आदेश जिलास्तर पर जारी किया गया, जिसके पालन में सीएचएमओ ने जनवरी 2021 में कार्यालय को मुंगावली शिफ्ट कर दिया। पहले ज्ञापन आवेदन देकर किए गए प्रयासों के सफल न होने के क्षेत्र वासियों में आक्रोश लगातार पनप रहा था। हिन्दुस्थान समाचार/आदित्य/ देवेन्द-hindusthansamachar.in

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