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अग्नि अखाड़ा की महामंडलेश्वर कनकेश्वरी देवी नर्मदा की परिक्रमा अमरकंटक पहुंची

अमरकंटक को बताया सुंदर व धार्मिक स्थल अनूपपुर, 11 फरवरी (हि.स.)। अग्नि अखाड़ा की महामंडलेश्वर कनकेश्वरी माताजी 5 फरवरी से मां श्री नर्मदा की परिक्रमा में है नर्मदा तटों के प्रमुख स्थानों से होते हुए उत्तर से दक्षिण तट पर परिवर्तन के लिए बुधवार शाम अमरकंटक पंहुची, जहां मां नर्मदा के पूजन पश्चात उत्तर तट पर श्रीकल्याण सेवा आश्रम में रात्रि विश्राम किया। गुरुवार को दक्षिण तट पर श्रीमार्कंडेय आश्रम में अग्नि पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रहम ऋषि राम कृष्णानंदजी महाराज के दर्शन उपरांत भगवान मार्कंडेय ऋषि की तपोस्थली व साक्षी गणेश की पूजन अर्चन कर मां नर्मदा के दक्षिण तट से परिक्रमा के रवाना हुई। जहां गृहग्राम मालासार बड़ौदा गुजरात 18 फरवरी को पहुंचेगी तथा 19 फरवरी को एक बड़े ही भंडारे के उपरांत परिक्रमा पूर्ण होगी। मार्कंडेय ऋषि की तपोस्थली आचार्यजी ने बताया कि बताया कि परिक्रमा वासियों की मां नर्मदा साक्षात रुप से यात्रा को पूर्ण करने की शक्ति प्रदान करती हैं। मार्कंडेय ऋषि इसी तपोस्थली पर तपस्या कर मां सुंधा को प्रश्न किया था तथा तट पर अपने लिए स्थान मांगा था इसलिए परिक्रमा वासियों के लिए मार्कंडेय ऋषि की तपोस्थली बहुत ही महत्वपूर्ण है। परिक्रमा के दौरान एक बार इधर आना ही चाहिए। कनकेश्वरी माताजी ने बताया कि अमरकंटक एक बहुत ही सुंदर वह धार्मिक स्थल है तथा के संत महात्मा बहुत अच्छे हैं। सुबह बाबा कल्याण दासजी के दर्शन हुए दोपहर में आचार्यजी के दर्शन हुए, मां नर्मदा के दर्शन हुए मन बहुत प्रसन्न हो गया ऐसे ही संत महात्माओं दर्शन होते करते-करते मां नर्मदा की परिक्रमा पूर्ण हो जाएगी ऐसी मेरी मां से कामना है। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in

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