एनसीएईआर रैंकिंग में लैंड रिकार्ड्स सर्विस इंडेक्स में मध्यप्रदेश दूसरे साल भी प्रथम
भोपाल, 04 मार्च (हि.स.)। नेशनल काउंसिंल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा दी जाने वाली रैंकिंग में लैंड रिकार्डस सर्विस इंडेक्स के लिए मध्य प्रदेश को देश में इस वर्ष भी प्रथम स्थान मिला है। गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गई। यह सम्मान आधुनिक तकनीक का शासकीय कार्यों में उपयोग के लिए दिया जाता है। मुख्यत: भू-अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण एवं भू-अभिलेखों से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता विश्लेषण का आधार होता है। प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रदेश को प्राप्त इस गौरव के लिए संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि टेक्नॉलॉजी के उपयोग से प्रदेश में राजस्व के कार्यों में तेजी के साथ पारदर्शिता भी बढ़ी है। एनसीएईआर द्वारा प्रतिवर्ष लैंड रिकॉर्ड सर्विस इंडेक्स सर्वे का क्रियान्वयन करता है। संस्था द्वारा पहला लैंड रिकार्ड सर्विस इंडेक्स वर्ष 2020 में सभी राज्यों का डाटा एकत्र कर उसके विश्लेषण के बाद 27 फरवरी 2020 को प्रकाशित किया गया था, जिसमें मध्यप्रदेश प्रथम स्थान पर रहा था। विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष भी प्रदेश को और अधिक अंकों के साथ प्रथम स्थान मिला। भू-अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण मध्यप्रदेश के भू-अभिलेख कार्यालय द्वारा अपनी सेवाओं को नागरिकों तक सुगमता से पहुँचाने के लिए इन्फार्मेशन टेक्नालॉजी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं। इन सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर मध्यप्रदेश को यह सम्मान प्राप्त हुआ है। इन सेवाओं के तहत भू-अभिलेख का कम्प्यूटरीकरण कर प्रदेश के समस्त 56 हजार 761 ग्रामों के लगभग एक करोड़ 51 लाख भूमि स्वामियों को लगभग 4 करोड़ खसरा नंबरों का इलेक्ट्रानिक डाटाबेस तैयार कराया जा चुका है। राजस्व विभाग की सेवाओं का एम.पी. ऑनलाइन एवं लोकसेवा केंद्र एवं ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है। नक्शों का डिजिटाइजेशन भू-अभिलेख कार्यालय द्वारा भूमि के नक्शों का डिजिटाइजेशन एवं भू-अभिलेखों की कम्प्यूटरीकृत प्रतियाँ कहीं भी कभी भी ऑनलाइन प्राप्त की जा सकती हैं। इसी प्रकार भूमि बंधक की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर किसानों को आसानी से ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई है। नामांतरण एवं बँटवारे की प्रक्रियाओं को सरल कर पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत किया जा चुका है। इससे आसानी से प्रकरणों का निराकरण एवं उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग की जा सकती है। इस सुविधा पक्षकारों को आदेश प्राप्त करने के लिए न्यायालय आने की आवश्यकता नहीं होगी। फसल गिरदावरी के लिए प्रभावी 'सारा एप' भू-अभिलेख के गिरदावरी कार्यों को और अधिक सुगमता एवं पारदर्शिता के साथ करने के लिए प्रदेश भर में 'सारा एप' का उपयोग नागरिकों द्वारा किया जा रहा है। फसल गिरदावरी का कार्य प्रभावी ढंग से करने के लिए प्रदेश में सारा एप का उपयोग विभाग की उपलब्धियों में प्रमुख रूप से सम्मिलित है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश