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मां और डेढ़ वर्ष की भतीजी की हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास

मां और डेढ़ वर्ष की भतीजी की हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास गुना 23 जनवरी (हि.स.)। चने को चुराकर बेचने को लेकर हुए विवाद के बाद अपनी मां और डेढ़ वर्ष की भतीजी की हत्या करने के मामले में आरोपी को कोर्ट ने दोषी माना और उसे डबल आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया। इस मामले की सुनवाई गुना के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अश्वाक अहमद खान की अदालत में हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार नई सराय रोड म्याना निवासी अभियुक्त दीपक के पिता सुशील ड्रायवरी करता है और घटना दिनांक 20 मई 2019 को वह बाहर था। घटना के समय घर पर अभियुक्त दीपक, उसकी मां मृतिका लता बाई तथा बड़ी बहू निशा एवं पुत्री मृतिका अनिका थी। गांव में इस परिवार के दो मकान थे। एक कच्चा मकान जहां पर भैंस बांधने तथा भूसा रखने का कार्य किया जाता था तथा सामने की ओर कुछ दूरी पर एक पक्का मकान था, जहां निवास करते थे। भैंस वाले घर में जाकर देखा तो लता बाई खून से सनी हुई थी, इसके साथ ही डेढ़ वर्ष की भतीजी अनिका को करंट लगाया था। इन दोनों को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने इन दोनों को मृत घोषित कर दिया। शव परीक्षण के दौरान लता बाई के सिर में चार-पांच कटे हुए घाव थे, चेहरा, बाल आदि खून से सने हुए थे। मृतिका अनिका जिसकी उम्र डेढ़ वर्ष के लगभग थी, उसके गला घोंटने और पूरे शरीर पर जलने के निशान थे। जांच में यह आया सामने इस पूरे मामले की जांच के दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक ने साक्ष्यों को देखा तो ज्ञात हुआ कि दीपक का अपनी मां से चने चुराकर बेचने को लेकर विवाद हुआ था। लोहे के पाइप से चार-पांच चोटें पहुंचाकर दीपक ने अपनी मां की हत्या की थी और उनकी गोद में डेढ़ वर्ष की नातिन अनिका थी, जो मारपीट में नीचे गिर गई थी उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। मृत्यु का कारण छिपाने के लिए अनिका के गले में बिजली का तार बांधकर करंट प्रवाहित कर दिया था। इसके बाद म्याना थाना पुलिस ने आरोपी दीपक के विरुद्ध धारा 302, 201 के अंतर्गत मामला दर्ज किया। इस मामले की पहले सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गुना की अदालत में हुई थी। इसके बाद यह मामला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में पहुंचा। रघुवंशी ने रखा मजबूती से पक्ष इस मामले की सुनवाई के समय अपर लोक अभियोजक अमित रघुवंशी ने शासन की ओर से मजबूती के साथ पक्ष रखा और आरोपी के विरुद्ध साक्ष्य पेश किए, जिन साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी दीपक भदौरिया को दोषी माना और भारतीय दंड संहिता की धारा 302(2 शीर्ष) का दोषी पाकर उसे आजीवन कारावास (2 शीर्ष) की सजा सुनाई। पांच-पांच हजार रुपए के अर्थदंड भुगतने का निर्णय दिया। इसके साथ ही धारा 201 में दोषी पाए जाने पर पांच वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

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