कुष्ठ रोग निवारण दिवस 30 को मनाया जाएगा

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रतलाम, 29 जनवरी,(हि.स.)। जिले में कुष्ठ निवारण दिवस का आयोजन महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के लिए इस वर्ष की थीम कुष्ठ मुक्त गांव , प्रदेश व देश की दिशा में आगे बढें निर्धारित की गई है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि कुष्ठ रोग एक दीर्घकालिक संक्रामक रोग है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने छींकने पर उसके श्वसन तंत्र से निकलने वाले पानी की बूंदों में लेप्री बेक्टीरिया होते हैं । ये बेक्टीरिया हवा के साथ मिलकर दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाते हैं । संक्रमण होने के औसतन पांच वर्ष की अवधि के बाद सामान्यत: रोग के लक्षण दिखाई देते हैं । यह रोग मानव त्वचा, उपरी श्वसन मार्ग की श्लेष्मिका , परिधीय तंत्रिकाओं आंखों और शरीर के कुछ अन्य जगहों को प्रभावित करता है । कुष्ठ रोग के लक्षणों में सांवली चमड़ी के लोगों में त्वचा पर हल्के धब्बे हो सकते हैं जबकि सफेद गोरी चमडी के लोगों में गहरे या लाल रंग के धब्बे हो सकते हैं । त्वचा के धब्बों में संवेदना की कमी या समाप्ति । हाथों पैरों में संवेदना की कमी या समाप्ति । हाथों पैरों या पलकों की कमजोरी , प्रभावित नसों में सूजन या दर्द , कान के नीचे के भाग में सूजन आदि इसके मुख्य लक्षण हैं । कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में संपर्क करना चाहिए कुष्ठ रोग का पूरा निशुल्क उपचार शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध है और समय पर परीक्षण कराने से यह पूरी तरह ठीक हो जाता है । जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. जी. आर. गौड ने बताया कि कुष्ठ रोग एमडीटी ( बहुऔषधि उपचार ) से उपचार योग्य है । इस औषधि का उपचार विकृतियों से बचाता है और अन्य व्यक्तियों में बीमारी के संचारण को रोकता है । रोग की शीघ्र पहचान , पर्यापत उपचार और पूरा कोर्स कुष्ठ रोग के कारण होने वाली विकलांगता को रोकती है । कुष्ठ वंशानुगत नहीं है यह माता पिता से बच्चों में प्रसारित नहीं होता है । कुष्ठ रोग का कारण स्पर्श जैसे हाथ मिलाने , साथ खेलने या एक ही कार्यालय में काम करने से नहीं है लेकिन अनुपचारित रोगियों के साथ नजदीकी और लगातार संपर्क का कारण रोग का संचारण बढाता है । कुष्ठ रोग से पीडि़त लोगों को अजीविका कमाने और सम्मान के साथ जीने का अधिकार है । जिले में अप्रेल 2020 से जनवरी तक नये कुष्ठ रोगी 40 खोजे गए हैं । इसी वर्ष में 82 कुष्ठ रोगियों को उपचार मुक्त किया गया है और उनमें विकृति के कोई लक्षण नहीं है । वर्तमान में कुल 52 कुष्ठ रोगियों का उपचार किया जा रहा है । हिन्दुस्थान समाचार/शरद जोशी/राजू-hindusthansamachar.in

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