khajuraho-dance-festival-encompasses-various-dimensions-of-indian-art-tradition
khajuraho-dance-festival-encompasses-various-dimensions-of-indian-art-tradition

खजुराहो नृत्य समारोह ने भारतीय कला परंपरा के विविध आयामों को समेटा

खजुराहो, 25 फरवरी (हि.स.)। विश्व प्रसिद्ध खजुराहो में 47वां खजुराहो नृत्य समारोह भरतीय कला परम्परा के विविध आयामों को समेटे हुए है। यहाँ पर्यटक और कला प्रेमी न सिर्फ शास्त्रीय नृत्य की सजीव प्रस्तुति से आनंदित हो रहे हैं बल्कि नृत्य और कलाओं के क्रमबद्ध इतिहास से भी परिचित हो रहे हैं। कला, कलाकार और कला परंपरा पर केंद्रित फिल्मों का उपक्रम- चल चित्र और भारतीय नृत्य शैली भरतनाट्यम की कला यात्रा-नेपथ्य खजुराहो नृत्य समारोह के आकर्षण का केंद्र बने हुए है। भारत के शास्त्रीय नृत्य और कलाओं के इतिहास पर केंद्रित फिल्मों और आकर्षक प्रदर्शनी को कला प्रेमियों और पर्यटकों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। कला कलाकार और कला परंपरा पर केंद्रित फिल्मों का उपक्रम - चल चित्र खजुराहो नृत्य समारोह में चल चित्र कार्यशाला का समन्वय कर रहे राज बेंद्रे ने गुरुवार को बताया कि भारतीय कला कलाकार और कला परंपरा पर आधारित केंद्रीय फिल्मों का प्रदर्शन चल-चित्र के माध्यम से किया जा रहा है। यह फिल्में संगीत, नृत्य, चित्रकला के साथ ही अन्य कला परम्परा के कलाकार और उनसे जुडी़ जीवन के यादगार पलों को समेटे हुए है। कला रसिकों को नवीन दृष्टिकोण यह फिल्म प्रदान करती है जो उनके लिए एक प्ररेणा का काम करेंगी। शाम 4 से 6 बजे तक प्रर्दशित की जा रही फिल्में सभी पर्यटकों को खूब भा रही है। भारतीय नृत्य शैली भरतनाट्यम की कला यात्रा- 'नेपथ्य' खजुराहो नृत्य महोत्सव में भारतीय नृत्य शैली भरतनाट्यम की कला यात्रा 'नेपथ्य' कार्यशाला का समन्वय कर रही अभिनया नागज्योति ने बताया कि इस वर्ष की थीम भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम है। नेपथ्य कार्यशाला और प्रदर्शनी के माध्यम से शास्त्रीय भरतनाट्यम नृत्य का इतिहास पर्यटकों को बताया जा रहा है। भरतनाट्यम नृत्य के ऐतिहासिक विकास के क्रम को फोटोग्राफ्स, व्याख्याकार, पोशाक और आभूषणों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। नृत्य के दौरान उपयोग किए जाने वाले वाद्य यंत्र मृदंगम, वायलिन, बांसुरी और तालम आदि से पर्यटक रूबरू हो रहे है। इस कार्यशाला में भरतनाट्यम नृत्य से संबंधित पर्यटकों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया जा रहा है। खजुराहो नृत्य समारोह के दौरान भारतीय शास्त्रीय नृत्य कला के इतिहास से परिचय पर्यटकों के लिए नया अनुभव है। अब खजुराहो नृत्य समारोह की आयोजन स्थली न होकर कला और नृत्य के अध्ययन स्थल के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। नृत्य प्रस्तुति, इतिहास वर्णन, प्रदर्शनी, फिल्मों और स्थानीय व्यंजनों के स्वाद के अद्भुत संगम ने खजुराहो नृत्य समारोह को पर्यटकों और कला प्रेमियों के लिए सदैव स्मरणीय बना दिया है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/राजू

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in