Journalists should express the pen with introspection: Union Minister Gehlot
Journalists should express the pen with introspection: Union Minister Gehlot

पत्रकार आत्ममंथन के साथ कलम को मुखर करेंः केंद्रीय मंत्री गेहलोत

उज्जैन/ नागदा, 10 जनवरी (हि.स.)। आजादी के आंदोलन में पत्रकारिता का बड़ा योगदान रहा। आज भी प्रिट मीडिया की प्रासंगिकता है। पत्रकारों को अपनी कमल को आत्ममंथन के साथ मुखर करना चाहिए। यह बात रविवार को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद्र गेहलोत ने कहीं। वे जिले के औद्योगिक नगर नागदा से 20 किमी दूर उन्हेल में जिला स्तरीय पत्रकार सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा एक पत्रकार के चरित्र एवं कार्यों से उससे संबधित समाचार पत्र की छवि जनता के जेहन में बनती है। ऐसी स्थिति में पत्रकारों को समाज एवं देशहित में समाचार प्रकाशित करना चाहिए। उन्होंने जहां मीडिया की सकारात्मक भूमिका पर बोले वहीं खामियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के समय में पत्रकारों को पीत पत्रकारिता से बचने की आवश्यकता है। जिससे पत्रकार को सम्मान मिलेगा और उन पर खतरे का साया भी नहीं रहेगा। इस मौके पर मंत्री गेहलोत ने राजनैतिक जीवन में पत्रकारों के अनुभवों को भी साझा किया। पत्रकार कैलाश सनोलिया ने सूचना अधिकार से खोजी पत्रकारिता पर प्रकाश डाला। सोसायटी फार प्रेस क्लब उज्जैन के अध्यक्ष विशालसिंह हाड़ा ने पत्रकारिता के बदलते तेवर पर विचार रखे। सिटी प्रेस क्लब उज्जैन के अध्यक्ष शैलेंद्र कुल्मी ने पत्रकारिता पर सोशल मीडिया के प्रभाव को रेखांकित किया। इन्होंनें भी मंच साझा किया व विचार रखे कार्यकम में बतौर अतिथि पूर्व मंत्री मप्र शासन पारस जैन, अखिल भारतीय शांति प्रतिष्टान के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिंदुभूषण दुबे, नागदा-खाचरौद विधायक दिलीपसिंह गुर्जर, घटिया विघानसभा क्षेत्र एमएलए रामलाल मालवीय ने भी विचार रखे। अतिथि मप्र शासन जनसंपर्क विभाग संभाग उज्जैन संयुक्त संचालक रशिम देशमुख एवं पूर्व विधायक सतीश मालवीय भी मंचासीन थे। प्रेस फोरम उन्हेल के अध्यक्ष सुनील जैन नेकार्यक्रम की अध्यक्षता की। फोरम सचिव विकास जायसवाल ने भी मंच सांझा किया। फोरम संरक्षक भेरूलाल जैन ने केंद्रीय मंत्री को प्रेस भवन के लिए मांग पत्र सौंपा। अतिथियों एवं कार्यक्रम में आए पत्रकारों को स्मृतिचिन्ह भेंट किए गए। हिन्दुस्थान समाचार/ कैलाश सनोलिया-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in