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जनेकृविवि ने तैयार किये 21 हजार क्विंटल प्रजनक बीज

जबलपुर,26,अप्रैल(हि.स.)| जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ने कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में भी गेहूँ, चना, मसूर, अलसी, रामतिल, मटर, चारा फसलों सहित विभिन्न फसलों की उन्नतशील प्रजातियों के 21 हजार क्विंटल प्रजनक बीज तैयार कर लिये हैं यह किसानों के लिये बहुउपयोगी साबित होंगे। आने वाले सीजन में इन्हें किसानों को दिया जायेगा। कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के 28 अनुसंधान केन्द्रों और प्रक्षेत्रों पर लगभग 666 हेक्टेयर क्षेत्र में यह उत्पादन लिया गया है। संचालक प्रक्षेत्र डॉ. दीप पहलवान ने बताया कि यह उन्नत प्रजनक उन्नत बीज किसानों के साथ शासकीय संस्थाओं, सहकारी समितियों, प्रगतिशील किसान एवं आवश्यकतानुसार अन्य विभागों को उपलब्ध कराए जायेंगे। विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किये गए बीजों की बहुत ज्यादा मांग होती है देश के कुल उत्पादन का 15 प्रतिशत बीज उत्पादन की योगदान जवाहरलान नेहरू कृषि विश्वविद्यालय करता है। बीज उत्पादन के क्षेत्र में विश्वविद्यालय विगत डेढ़ दशक से प्रथम स्थान पर है। बीज वितरण हेतु एकल खिड़की केन्द्र स्थापित किया गया है। रबी 2020-21 सीजन में प्रजनक बीज उत्पादन कार्यक्रम विवि के 28 प्रक्षेत्रों पर लगभग 666 हेक्टेयर क्षेत्र में लिया गया था। इसके अन्तर्गत गेहूँ की 13, चने की 6, मसूर की 3, अलसी की 7, रामतिल की 3, मटर की 6, चारा फसलों की 4 तथा अन्य फसलों की विभिन्न उन्नत प्रजातियों का प्रजनक बीज उत्पादन कार्यक्रम लिया गया था। वर्तमान में रबी सीजन की समस्त फसलों की प्रजातियों का कटाई एवं गहाई की कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसका उत्पादन लगभग 21 हजार क्विंवटल रहा है। उत्पादित प्रजनक बीजों की उन्नतशील प्रजातियों को रबी 2020-21 में भारत सरकार, मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न शासकीय संस्थानों, एन.जी.ओ., बीज उत्पादन सहकारीसमितियों, प्रगतिशील किसानों एवं अन्य को उपलब्ध कराया जायेगा। कटाई-गहाई से संबंधित कार्य प्रक्षेत्रों पर उपलब्ध श्रमिकों के द्वारा कराया गया तथा जिन प्रक्षेत्रों पर श्रमिकों की कमी थी वहां पर अन्य श्रमिकों का नियोजित कर कार्य को समय से पूर्ण किया गया। प्रजनक फसलों की कटाई के दौरान सोषल डिस्टेसिंग, साबुन से हाथ धुलना तथा सेनेटाईजर आदि का प्रयोग कोविड-19 नियमों के अन्तर्गत सुनिष्चित कराया गया था। वर्तमान में खरीफ 2021 की फसलों की प्रजनक बीजों के प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। किसान भाईयों एवं अन्य को मानक बीज उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से बीज गुणवत्ता विशलेषण का कार्य सम्पन्न किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि जनेकृविवि विगत डेढ़ दशकों से प्रजनक बीज उत्पादन के क्षेत्र प्रथम स्थान पर है तथा प्रजनक बीज उत्पादन में विवि लगभग 15 प्रतिशत का योगदान करता आ रहा है। प्रजनक बीज उत्पादन, वितरण तथा कृषि से जुडे़ अन्य सभी कार्य कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन के निर्देशन और मार्गदर्शन में किया जा रहा है। प्रजनक बीज के वितरण हेतु विवि परिसर में ‘‘एकल खिड़की केन्द्र” स्थापित किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार /ददन

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