ग्रेसिम कंपनी जलवाल तालाब में शासकीय भूमि हड़पने की जांच में उलझी
ग्रेसिम कंपनी जलवाल तालाब में शासकीय भूमि हड़पने की जांच में उलझी

ग्रेसिम कंपनी जलवाल तालाब में शासकीय भूमि हड़पने की जांच में उलझी

कलेक्टर ने एसडीएम से मौके पर निरीक्षण कर मांगा प्रतिवेदन उज्जैन/नागदा, 23 जुलाई (हि.स.)। उज्जैन के नागदा में स्थित जाने-माने बिड़ला घराना की ग्रेसिम कंपनी एक के बाद एक कई जांचों में उलझ रही है। सीएसआर फंड अनियमितता, चंबल नदी में प्रदूषण, बीमारियों से मौत, ठेका मजदूरों का शोषण, स्टॉफ कर्मियों की छंटनी, सुप्रीम कोर्ट में विवादित बेशकीमती भूमि पर कब्जा आदि लगभग एक दर्जन जांचों की गुत्थी अभी सुलझ भी नहीं पाई थी कि गांव जलवाल में करोड़ों की लागत से बना तालाब एक बार फिर जांच के दायरे में आ गया है। मामला प्रकाश में आया कि जलवाल तालाब निर्माण में 7.900 हैक्टेयर गोचर भूमि पर राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर ग्रेसिम प्रबंधन ने अतिक्रमण कर लिया। इस भूमि की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। इस तालाब का निर्माण नागदा शहर से लगभग 12 किमी दूर गांव जलवाल तहसील खाचरौद में चंबल किनारे किया गया है। तालाब का इस्तेमाल उद्योग उत्पादन स्टेपल फाइबर निर्माण में जलापूर्ति के लिए किया जाता है। जांच की जिम्मेदारी कलेक्टर ने एसडीएम खाचरौद को सौंपी है। कलेक्टर ने यह कार्यवाही अभा असंगठित मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक अभिषेक चौरसिया की शिकायत पर की है। एसडीएम ने जांच आदेश की पुष्टि की मामले में एसडीएम खाचरौद विरेंद्र सिंह डांगी से संपर्क कर यह जानने का प्रयास किया कि ग्रेसिम जलवाल तालाब के मामले में कलेक्टर उज्जैन ने वास्तव में क्या जांच का आदेश दिया है। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार संवाददाता से बाचचीत में इस बात की पुष्टि की है कि कलेक्टर ने जांच का आदेश दिया है। उनका कहना है कि सोमवार को ग्रेसिम प्रबंधक का पक्ष लिया जाएगा। इसके पूर्व में दो बार प्रतिवेदन कलेक्टर के समक्ष भेजा जा चुका है। हाल में कलेक्टर के यहां से कुछ क्यूरी और निकाली है, उसका जवाब अब भेजा जाएगा। पूर्व में दो बार प्रतिवेदन भेजा जा चुका है। जांच प्रतिवेदन में क्या मांगा कलेक्टर के आदेश की प्रति हिन्दुस्थान समाचार के पास सुरक्षित है। इसमें कलेक्टर ने उल्लेखित किया है कि शिकायतकर्ता अभिषेक चौरसिया ने यह मुद़दा उठाया है कि गांव जलवाल में ग्रेसिम ने जो तालाब बनाया है, उसमे शासकीय भूमि सर्वे नबंर 156, 158, 420,/539, 159, 160, 161, कुल रकबा 7.900 हैक्टेयर भूमि का उपयोग जलवाल तालाब निर्माण में कर लिया गया है। इसलिए राजस्व रिकॉर्ड का अवलोकन कर शीघ्र मौके की स्थिति से विस्तृत प्रतिवेदन खसरावार अनिवार्यत प्रेषित किया जाए। पूर्व में एक तालाब को समतल करने का आदेश इसी प्रकार का मामला कुछ वर्ष पहले उद्योग के एक अन्य टकरावदा तालाब का सामने आया था। इस तालाब को समतल करने का आदेश अदालत ने दिया है। हालांकि उद्योग प्रबंधन ने इस आदेश के खिलाफ स्थगन ले रखा है। लेकिन तलवार लटकी हुई है। इस तालाब के निर्माण में ग्रामीणों ने अपनी भूमि पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया था, जो अदालत में सही साबित हुआ है। हिन्दुुस्थान समाचार/ कैलाश सनोलिया-hindusthansamachar.in

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