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न्यायदान के लिये मानव स्वभाव, सामाजिक परिवेश, राजनीतिक व्यवस्था को समझना जरूरी: बोबड़े

जबलपुर, 06 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को जबलपुर के मानस भवन में आयोजित ऑल इंडिया जूडीशियल एकेडमीज डॉयरेक्टर्स रिट्रीट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर देश के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि आज का कार्यक्रम एक नई प्रक्रिया का आरंभ है। संवाद, नए आयाम स्थापित करता है एवं आज हम इसी प्रकार के संवाद का प्रारंभ कर रहे हैं। न्याय एक अनोखी प्रक्रिया है, न्यायदान के लिये मानव स्वभाव, सामाजिक परिवेश, राजनीतिक व्यवस्था को समझना जरूरी है। साथ ही समय के साथ विकसित होते कानून को भी समझना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि कालांतर में न्यायिक अकादमी स्थापित हुई जो उत्तम कार्य कर रही है पर न्यायिक प्रशिक्षण के तौर-तरीकों को बदलना होगा। मेरे विचार में ऑल इंडिया ज्यूडीशियल एकेडमी डायरेक्टर रिट्रीट से एक संवाद स्थापित होगा, ताकि अनुभव के आदान-प्रदान से हम उत्कृष्टता पा सके। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की 8 करोड़ जनता की ओर से संस्कारधानी में पधारे महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े सहित अन्य न्यायाधीशों का हार्दिक अभिनंदन करते हुये कहा कि राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा आयोजित ऑल इंडिया ज्यूडीशियल एकेडमीज डायरेक्टर्स रिट्रीट में विचारों का ऐसा आदान-प्रदान हो जिसके मंथन से निकले अमृत रूपी निष्कर्षों को मध्यप्रदेश सरकार हाईकोर्ट के साथ मिलकर जमीन पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने न्यायालयों में बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि लोगों को जल्दी, सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने की दिशा में बेहतर परिणाम हासिल करने के लिये दक्ष न्यायपति व मानव संसाधन चाहिये। उन्होंने कहा कि सही मायनों में आत्मा को न्याय से सुख मिलता है। उन्होंने कहा कि भारत की न्यायपालिका को वो प्रतिष्ठा प्राप्त है कि हर नागरिक को भरोसा है कि उसे हर हाल में न्याय मिलेगा। मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने राज्य न्यायिक अकादमी एवं हाई कोर्ट जबलपुर द्वारा आयोजित ऑल इंडिया ज्यूडीशियल एकेडमीज डायरेक्टर्स रिट्रीट सम्मेलन के स्वागत उद्बोधन में इसे एक अनूठी पहल बताया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया गया। साथ ही कार्यक्रम का शुभारंभ एवं समापन राष्ट्रगान की धुन से हुआ। इस मौके पर राष्ट्रपति को काष्ठ की गणेश प्रतिमा भी भेंट की गई। उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश एवं मध्यप्रदेश राज्य ज्यूडिशियल एकेडमी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में उपस्थित जनों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। तीन पुस्तकों का विमोचन कार्यक्रम के दौरान न्यायिक क्षेत्र की तीन पुस्तकों का विमोचन कर पुस्तकों की प्रथम प्रति राष्ट्रपति कोविंद को भेंट की गई। इन पुस्तकों में भारत के न्यायालय अतीत से वर्तमान तक का विमोचन सु्प्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बोबड़े ने, मध्यप्रदेश का न्यायिक इतिहास एवं न्यायालय का विमोचन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी और मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के वर्ष 1950 से आज तक के डायजेस्ट का विमोचन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण ने किया। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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