कृषि विज्ञान के क्षेत्र में उभरती तकनीकों पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न
भोपाल 26 फरवरी (हि.स.)। मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी द्वारा कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया के साथ अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। यह पांच दिवसीय कार्यशाला 22 से 26 फरवरी तक आयोजित की गई। शुक्रवार को इस कार्यशाला का समापन हुआ। ‘ कृषि विज्ञान के क्षेत्र में उभरती तकनीकों’ विषय पर आयोजित इस कार्यशाला के समापन के अवसर पर मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर गौरव तिवारी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीक का इस्तेमाल कर फसलों को कम संसाधनों में अधिक उपज और व्याधिमुक्त प्रजातियों का प्रयोग कर किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाया जा सकता है। इससे पहले कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया की डायरेक्टर प्रो. मधु परहार ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में सेंसर तकनीक 21वीं सदी की तकनीक है जिसके विषय में विस्तार से जानना काफी लाभप्रद है। वहीं, मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अरूण कुमार पाण्डेय ने कहा कि स्मार्ट कृषि किसानों को पानी, उर्वरक और बीज जैसे न्यूनतम संसाधनों से पैदावार बढ़ाने में सहायक है और आज कृषि उद्योग आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की तकनीकों की ओर रूख कर रहे हैं। प्रथम दिवस 22 फरवरी को एग्रीकल्चर विभाग के डीन डॉ. संदीप बैनर्जी ने र्गी एवं जुगाली करने वाले पशुधन की खेती में सेंसर की उपयोगिता विषय पर विस्तार से चर्चा की। द्वितीय दिवस 23 फरवरी को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. मनोरंजन मोहंती ने फसल विज्ञान में सेंसर आधारित तकनीकों की उपयोगिता विषय पर व्याख्यान दिया। 24 फरवरी को वनस्पति विभाग के असोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रज्ञा सौरभ ने बायोमॉडलिंग और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस विषय पर व्याख्यान दिया। चौथे दिन युनाइटेड किंगडम के साइंटिस्ट डॉ. आदित्य परमार ने फसल कटाई के बाद की तकनीक में सेंसर का इस्तेमाल विषय पर चर्चा की। वहीं कार्यशाला के समापन दिवस पर इथोपिया की हवासा यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. मेसतावेत ताये ने डेयरी फार्मिंग और प्रोसेसिंग में सेंसर आधारित प्रौद्योगिकियां विषय पर व्याख्यान दिया। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे