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समाज में मातृभाषा के व्यवहारिक उपयोग को बढ़ाए : संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर

भोपाल, 21 फरवरी (हि.स.)। प्रदेश की संस्कृति, पर्यटन एवं अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि आमजनों को मातृभाषा के व्यवहारिक उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे स्थानीय संस्कृति और संस्कारों का संरक्षण और संवर्धन किया जा सके। यह बातें उन्होंने रविवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर रवीन्द्र भवन में आयोजित मातृभाषा समारोह में अतिथियों से चर्चा करते हुए कही। मंत्री उषा ठाकुर ने भारत माता की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर नमन किया और मातृभाषा मंच एवं मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मातृभाषा समारोह में सांस्कृतिक पुनरूत्थान में मातृभाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, व्यंजन मेला और प्रदर्शनी आयोजित की गई थीं। संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने स्वयं व्यंजन मेले में जाकर मसाला भात, मैसूर पाक, चुकौनी, उड़द के बड़े, दही बड़ा का स्वाद लिया। संस्कृति व्यंजन मेला में जिसमे मराठी, उत्तराखंड, नेपाल, कश्मीर, पंजाब, छतीसगढ़ जैसे 15 राज्यों के क्षेत्रीय व्यंजनो के स्टॉल लगाए गए थे। मंत्री उषा ठाकुर ने भाषाई समाजों की विशेषताओं को प्रगट करती प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि मातृभाषा के महत्व को अंतरराष्ट्रीय जगत द्वारा भी मान्यता प्रदान करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस घोषित किया है। मातृभाषा मंच द्वारा वर्ष 2018 में मातृभाषा समारोह का आयोजन किया गया था, इस वर्ष यह दूसरा आयोजन है। समाज में मातृभाषा के व्यवहारिक उपयोग को बढ़ाने तथा इसे गति देने के लिए भोपाल के विभिन्न भाषायी समाजों की भागीदारी से यह आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में उषा ठाकुर के साथ स्वागत समिति के अध्यक्ष एसके राउत, संयोजक आचार्य अमिताभ सक्सेना और सहसंयोजक गिरीश जोशी सहित मातृभाषा मंच के कार्यकर्ता उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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