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शिक्षा को विश्व में कैसे सर्वोत्तम बनाने के लिए विधियों,नीतियों का क्रियान्वयन जरूरी-कुलाधिपति

शिक्षा को विश्व में कैसे सर्वोत्तम बनाने के लिए विधियों,नीतियों का क्रियान्वयन जरूरी-कुलाधिपति दीक्षांत समारोह के पूर्व संध्या पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति का संबोधन अनूपपुर, 21 फरवरी (हि.स.)। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक द्वारा तृतीय दीक्षांत समारोह की पूर्व संध्या पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. मुकुल ईश्वरलाल शाह ने कहा देश की शिक्षा को विश्व में कैसे सर्वोत्तम बनाने के लिए विधियों, नीतियों और उसके क्रियान्वयन जरूरी हैं। दीक्षांत समारोह के 22 फरवरी को बेबीनार के माध्यम से होगा। प्रो: शाह ने शिक्षा, चिकित्सा और राजनीति क्षेत्र में उत्कृष्ट नवाचार, अन्वेषण और अनुसंधान और विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानक के रूप स्थापित करने साथ ही विश्व के सर्वोत्तम ज्ञान की परम्परा में आदिवासी समाज के धरोहर को शामिल कर अंचल के लोगों का विकास हमारी पहली प्राथमिकता है। पेशे से चिकित्सक रहे प्रो. शाह ने शिक्षा, चिकित्सा, राजनीति, क्रिकेट, फिल्म, तैराकी, खेलकूद के देशज और विदेशी अनुभवों को साझा करते हुए यह कहा कि यह नहीं देखना और सोचना है, बल्कि मैंने क्या किया है यह सोचना और समझना है। तभी आप सर्वोत्तम व्यक्ति, शिक्षक बन सकते हैं। कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा और राजनीति से लबरेज अद्भुत व्यक्तित्व के धनी है। दीनदयाल उपाध्याय को याद करते हुए कुलपति ने कहा कि षिक्षा एवं चिकित्सा नि: शुल्क होने चाहिए। इसी बात को चरितार्थ कर कुलाधिपति ने गुजरात में कोरोना काल में पीडि़तो की नि: शुल्क चिकित्सा करवाई। इस दौरान प्रो.आलोक श्रोत्रिय अकादमिक अधिष्ठाता,प्रो. तीर्थेश्वर सिंह,एवं विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षाक सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहें। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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