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कोरोना संक्रमण के कारण उड़ा-उड़ा सा है रंगों के त्यौहार होली का रंग

गुना, 26 मार्च (हि.स.)। कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर सामान्य जनजीवन के साथ ही त्यौहारों को भी प्रभावित करना शुरु कर दिया है। संक्रमण के कारण रंगों के त्यौहार होली का रंग भी उड़ा-उड़ा सा है, जबकि पर्व में अब सिर्फ दो दिन का समय शेष रह गए है। इससे पहले भी बाजार से पर्व की रौनक गायब है। बाजार में रंगों और पिचकारियों की दुकानें सज गईं है, किन्तु न तो रंगों और पिचकारियों की उल्लेखनीय खरीदी हो रही है और न ही पारंपरिक पकवान बनाने के लिए किराना का बाजार जोर पकड़ रहा है। हालांकि कुछ लोग इसे बढ़ती महंगाई से जोडक़र भी देख रहे है। दूसरी ओर पर्व को लेकर प्रशासन ने भी सख्ती बढ़ा रखी है। जहां होली मिलन समारोह पर रोक लगाई गई है तो होली के दिन भी सार्वजनिक आयोजन प्रतिबंधित किए गए है। मास्क सहित कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर निर्धारित नियमों का पालन कराने में भी सख्ती बरती जा रही है। प्रशासन नागरिकों से आग्रह कर रहा है कि वह घर में ही होली खेंले। दहन और धुलेड़ी पर रहेगी विशेष सख्ती होली के त्यौहार होलिका दहन और धुलेड़ी पर्व पर विशेष सख्ती रखी जाना है। इस दौरान सामूहिक आयोजन नहीं हो और लोग भीड़ एकत्रित कर होली नहीं खेले, इस पर निगाह रखी जाएगी। दोनों पर्व के दिन पुलिस सक्रिय बनी रहेगी। जिससे कोरोना को लेकर नियम न टूटने पाए। होलिका दहन के लिए परंपरा पूरी करने की बात कही जा रही है। जिससे दहन के समय भीड़ एकत्रित न हो। साथ ही धुलेड़ी पर भी लोगों को एकत्रित होने पर रोक लगेगी। इसी क्रम में मास्क सहित सामाजिक दूरी और सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने की बात कही जा रही है। तालाबंदी में मिली छूट पर्व को लेकर एक तरफ सख्ती बरतने की बात कही जा रही है तो दूसरी तरफ रविवार की तालाबंदी में छूट दी गई है। त्यौहार के मद्देनजर इस रविवार को तालाबंदी से मुक्त रखा गया है। यह निर्णय प्रशासन ने व्यापारियों की विशेष मांग पर लिया है। व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की थी कि कोरोना संक्रमण के कारण वैसे ही उनका व्यवसाय ठप्प पड़ा हुआ है। अब जबकि त्यौहार से पहले भी रविवार छुट्टी के दिन बाजार रहेगा तो उन्हे काफी मुश्किल हो जाएगी। वैसे इस रविवार के बाद अगले रविवार को पहले की तरह तालाबंदी रहेगी। 28 मार्च को होलिका दहन एवं 29 को धुलेंडी - त्यौहार के क्रम में 28 मार्च को होलिका दहन का पर्व मनाया जाएगा तो धुलेड़ी का पर्व 29 मार्च को मनेगा। इसके साथ ही रंग पंचमी 2 अप्रैल को मनाई जाएगी। विराट हिन्दू उत्सव समिति के प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि 40 दिवसीय फाग महोत्सव के तहत मध्यभारत मालवा, बुंदेलखंड अंचल के पुष्टि भक्ति केंद्रों पर बसंत पंचमी से चल रहे फाग महोत्सव का समापन दोलोत्सव धुलेंडी के साथ होगा। मंथन ने बताया कि पुष्टिभक्ति मार्ग में डेढ़ माह तक फाग महोत्सव के तहत श्री ठाकुरजी के साथ रंग गुलाल से होली खेली जाती है। बसंत फाग पर्व उल्लास, उमंग एवं जीवन में रंग भरने का महोत्सव है। फाग महोत्सव के तहत सत्संग मंडलों एवं श्रीनाथ जी के मंदिरों में श्रद्धा भक्ति के साथ नित्य नए रंगों से श्रीनाथ जी को दुलार किया जा रहा है। जिले के ग्रामीण अंचलों में धुलेंडी तक भक्तगण कृष्ण भक्ति के रंग में डूबे रहेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

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