बंगाल में जिहादी हिंसा और हिंदूओं पर अत्याचार को लेकर हिन्दू जागरण मंच ने दिया ज्ञापन

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रतलाम,29 मई (हि.स.)। हिंदू जागरण मंच के द्वारा बंगाल चुनाव के उपरांत हुई जिहादी हिंसा व हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में ध्यानाकर्षण करने के लिये नगर के 105 गणमान्य नागरिकों एवं समाज प्रमुखों के हस्ताक्षर सहित राष्ट्रपति के नाम जिलाधीश को ज्ञापन दिया गया। प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए मंच के जिला संयोजक राजेश कटारिया के नेतृत्व में पांच सदस्यों ने यह ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि भारत में विश्व की सबसे बडी लोकतांत्रिक व्यवस्था है। भारत की स्वतंत्रता के 70 वर्षो का इतिहास कुछ अपवादों को छोड़कर निर्वाचन शांतिपूर्वक होने की एक स्वस्थ परंपरा है। विगत दिनों पश्चिम बंगाल मे हुए निर्वाचन के समय और चुनाव के उपरांत होने वाली हिंसा ने पिछले सभी मामलों को पीछे छोड़ दिया और हिंसा का बड़ा ही वीभत्स, पाशविक और भयावह रूप अभी भी जारी है। ज्ञापन मे कुछ आकडे भी दिये गये, जिसके अनुसार 30000 गांवों में 70000 लोग हिंसा से प्रभावित हुए, 3886 मकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया, तृणमुल कांग्रेस के जिहादी गुंडों ने 39 महिलाओं के साथ बलात्कार किया, जिसमें केवल 4 मामलों की ही पुष्टि हो पाई एवं अधिकांश मामलों में तो पुलिस प्रशासन ने मेडिकल तक करवाने में इंकार कर दिया। केवल सत्ताधारी दल के विरोध में काम करने मात्र से ही 2157 कार्यकर्ताओ पर तथा उनके 692 परिजनों पर प्राणघातक हमले, 23 हत्याएं दर्ज की गयी हैं,जिसमें 11 एकदम अतिनिर्धन तथा अनुसुचित जाति-जनजाति की 3 महिलाएं भी हैं। अपने परिवार की सुरक्षा के लिये 6779 कार्यकर्ता अभी भी बंगाल के शरणार्थी शिविरों तथा 18000 से अधिक कार्यकर्ता असम मे शरण लेने को विवश हैं। इस ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि पक्ष विपक्ष की राजनिति से परे वहां सांप्रदायिक नारों से इन हमलो की प्रकृति स्पष्ट है, कि ये देश की अखंडता एवं संप्रभुता के लिये कितना घातक हैं एवं जनसंख्या असंतुलन के कारण उपजी वृहद बंगलादेश की विषाक्त सोच एवं रोहिंग्या व बंगलादेशी घुसपैठियों की सक्रियता खतरनाक भविष्य का संकेत है। हिंदूस्थान समाचार / शरद जोशी

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