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आषाढ़ में गर्मी ने तोड़ा रिकार्ड, पारा 44 डिग्री पर

- मानसून कमजोर होने से फिलहाल बारिश की संभावना नहीं ग्वालियर, 29 जून (हि.स.)।आषाढ़ माह मूसलाधार बारिश के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार आषाढ़ में ज्येष्ठ माह जैसी भीषण गर्मी पड़ रही है। आसमान से राहत की बूंदें बरने की बजाय आग बरस रही है और तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच रहा है, जिससे जन-जीवन बेहाल है। पिछले सालों के आंकड़े देखें तो जून के अंतिम दिनों में वर्ष 2018 में 22 व 23 जून को लगातार दो दिन अधिकतम तापमान 44.5 और 25 जून को 43.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इससे पहले 2011 में 22 जून को 45.6 और 2010 में 21 जून को अधिकतम तापमान 46.2, 23 जून को 44.6, 27 जून को 43.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। ग्वालियर में इस बार न तो प्री मानसून में अनुकूल बारिश हुई और न ही मानसून आने के बाद राहत की बंूदें गिरी हैं। मौसम विभाग 19 जून को ही मानसून आने की घोषणा कर चुका है, लेकिन बारिश का अब तक कोई अता-पता नहीं है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी पांच जुलाई तक बारिश की उम्मीद नहीं है क्योंकि वर्तमान में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है। इस वजह से मानसून को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पा रही है। मौसम शुष्क रहने से सूरज की तपन बढ़ गई है। इसके चलते तापमान निरंतर ऊपर चढ़ रहा है। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पिछले दिन की तुलना में मंगलवार को भी अधिकतम तापमान 2.7 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 44.0 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो औसत से 5.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है। न्यूनतम तापमान भी 0.6 डिग्री सेल्सियस आंशिक वृद्धि के साथ 29.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह भी औसत से 1.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आज सुबह हवा में नमी 48 प्रतिशत दर्ज की गई, जो सामान्य से 14 प्रतिशत कम है, जबकि शाम को हवा में नमी 26 प्रतिशत दर्ज की गई। यह भी सामान्य से 24 प्रतिशत कम है। हिन्दुस्थान समाचार/शरद

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