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पिपरिया जलाशय से आधा दर्जन गांवों को मिलेगा पानी, 840 हेक्टेयर रकबा होगा सिंचित

-आगामी रबी की फसल में किसानों को मिलेगी सिंचाई, 2624.65 लाख की योजना हो रही तैयार अनूपपुर, 18 अप्रैल (हि.स.)। कोतमा जनपद पंचायत के पिपरिया गांव में निर्माणाधीन पिपरिया बांध आगामी वर्ष रबी की फसल के दौरान किसानों के लिए सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराएगी। वर्ष 2017 से निर्माणाधीन बांध दो साल विलम्ब से अब तैयार होने की कगार पर पहुंच गया है। पिपरिया जलाशय के निर्माण होने से आसपास के आधा दर्जन गांव लाभांवित होंगे। इससे किसानों का लगभग 840 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी, जिसमें बेलियाबड़ी, पिपरिया, धुम्मा, सकोला, जोगीटोला, दैवगंवा गांवों को रबी के दौरान सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। एसडीओ जलसंसाधन कोतमा जीवनलाल नंदा ने बताया कि कोतमा जनपद में 10 जलाशयों में पिपरिया जलाशय स्थानीय किसानों की मांग में महत्वपूर्ण जलाशय है। जलसंरक्षण और सिंचाई के लिए पिपरिया जलाशय में लगभग 4.676 एमसीएल क्षमता पानी का भंडारण होगा। यह बांध लगभग 168 हेक्टेयर में तैयार किया गया है। इस जलाशय से एलबीसी और आरबीसी दो कैनाल लगभग 9 किलोमीटर लम्बी बनाई जा रही है जो आसपास के खेतों की सिंचाई के लिए होगी। जलाशय निर्माण की कुल लागत 2624.65 लाख निर्धारित की गई है जिसमें टेंडर लागत 1044 लाख है। उन्होंने बताया कि जलाशय के बांध की लम्बाई 1710 मीटर तथा उंचाई लगभग 15.45 मीटर है। इस जलाशय के कार्य पूर्ण होने की अवधि 2020 तक थी, लेकिन वर्ष 2019 में जलाशय के बांध के हिस्से के बह जाने के कारण यह विलम्ब हो गया। उल्लेखनीय है कि कि दो साल पूर्व 2019 में निर्माणाधीन पिपरिया बांध का एक हिस्सा बारिश के दौरान जलभराव से बह गया था। इसे लेकर विभागीय अधिकारियों पर गाज भी गिरी थी। इसके बाद विभाग ने इसे गम्भीरता से लेते बांध निर्माण में गति लाई है। डूब गई थी सैकड़ो एकड़ फसल बेलियाबड़ी पिपरिया जलाशय जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है। यह बांध 9 जुलाई की सुबह अधिक पानी के भराव में टूट गया था। इस बहाव में पिपरिया सहित जोगीटोला, बेलियाबड़ी, दैवगंवा के सैकड़ो एकड़ की फसल डूब गई थी। बांध का लगभग 15-20 फीट का एक हिस्सा उपर से नीचे तक पूरी तरह धराशायी होकर पानी के साथ बह गया था। इस घटना पर शासन ने जलसंसाधन विभाग की लापरवाही मानते हुए विभागीय कार्यपालन यंत्री सहित, प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी और उपयंत्री को निलम्बित कर दिया था। बताया गया है कि बांध के बहने के बाद ठेकेदार ने यहां काम लगभग बंद कर दिया था। बांध के टूटने को लेकर जहां जलसंसाधन विभाग ने स्थानीय ग्रामीणों पर आरोप मढ़ा था। वहीं, बाद में जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों की जांच के बाद विभाग को पुन: कार्य आरम्भ करवाते हुए बांध को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान लगभग एक माह तक बांध का कार्य बंद रहा। एसडीओ जलसंसाधन विभाग कोतमा जीवनलाल नंदा ने बताया कि बांध निर्माण तेजी के साथ पूर्ण कराया जा रहा है। किसानों को आगामी रबी की फसल के दौरान सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला/चंद्र

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