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मप्र में 15 मार्च से होगा चना, मसूर और सरसों का उपार्जन, केन्द्र सरकार से मिली अनुमति

कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रधानमंत्री और केन्द्रीय कृषि मंत्री का माना आभार भोपाल, 26 फरवरी (हि.स.)। मप्र में चना, मसूर और सरसों का उपार्जन आगामी 15 मार्च से शुरू हो जाएगा। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा अनुमति दे दी गई है। प्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने भारत सरकार से चना, मसूर और सरसों का उपार्जन 15 मार्च से करने की अनुमति मिलने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के किसानों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का आभार व्यक्त किया है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने शुक्रवार देर शाम इसकी जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के 86 प्रतिशत लघु एवं सीमांत कृषक जिनके पास 5 एकड़ से कम कृषि भूमि है। इन किसानों को चना, मसूर और सरसों को अब समर्थन मूल्य से अधिक के दाम पर फसल को बेचने का अवसर प्राप्त होगा। अब-तक किसान गेहूँ उपार्जन के पश्चात दलहन फसलों के उपार्जन का इंतजार करता था। इससे उसकी उपज को व्यापारी ओने-पौने दामों पर खरीद लेते थे, जिससे किसान को प्रति क्विंटल 1000 से लेकर 2000 रूपये तक का नुकसान उठाना पड़ता था। मंत्री पटेल ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में 58.6 लाख मेट्रिक चना, 5.48 लाख मेट्रिक टन मसूर और 15.60 लाख मेट्रिक टन सरसों कुल मिलाकर लगभग 80 लाख मेट्रिक टन के उत्पादन का अनुमान है। कृषि मंत्री ने बताया कि सरसों का समर्थन मूल्य 4 हजार 650 रुपये है और चना एवं मसूर का समर्थन मूल्य 5 हजार 100 रुपये है। व्यापारी अब किसानों से उनकी उपज समर्थन मूल्य से खरीद पाएंगे। इससे प्रदेश में किसानों को 16 हजार से 20 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। किसान समर्थन मूल्य से अधिक लागत पर अपनी फसल को बेचने के लिये स्वतंत्र रहेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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