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गणगौर उत्सव: विधि-विधान से रथों को सजाया

खरगोन, 15 अप्रैल (हि.स.)। जिले में निमाड़ के प्रसिद्ध त्योहार गणगौर की पहले माता की बाड़ियों पर विधि-विधान के साथ पूजन पाठ कर रथों को सजाया गया। यह माता जी के रथ तीन दिवस तक उत्साह के साथ अपने-अपने घर पर मनाया जाता है किंतु इस वर्ष लॉकडाउन के चलते बाडी पर पूजा करने पर प्रतिबंधित किया गया था, जिससे माता की पूजा से भक्त वंचित रहे। वैसे तो प्रथम दिवस अपने घर पर ले जाकर विधि विधान के साथ पूजन कर जोड़ों को भोजन कराने की प्रथा रहती है। तत्पश्चात शाम को मंदिर प्रांगण पर एकत्र होकर गणगौर माता का गित झालरिया गीत महीलाओं द्वारा गाए जाते हैं ओर अपने घर रात जगा भी किया जाता। द्वितीय दिन माता जी के रथो माता बावड़ी या तलाब पर ले जाकर पूजन पाठ कर मान मन्नत वाले अपने घर सभी रथो को मेहमान स्वरूप अपने घर वापस लाते हैं, जिसे निमाड़ की भाषा में रथ बोडाना कहा जाता है। अपने घर पर लाकर रात्रि मे भजन संध्या का भी कार्यक्रम किया जाता है। सुबह श्रद्धा भक्ति अनुसार भंडारा भोजन प्रसादी का आयोजन किया जाता हैं हिन्दुस्थान समाचार/चन्द्रशेखर कर्मा/ देवेन्द्र

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