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3 साल में बदले चार कलेक्टर, अब नए कलेक्टर होंगे फ्रेंक नोबल

07/05/2021 गुना 07 मई (हि.स.) । कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का तबादला रतलाम हो गया है। उनके स्थान पर वर्ष 2013 के आईएएस फ्रेंक नोबल को गुना कलेक्टर बनाया गया है। शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने पांच कलेक्टरों का तबादला किया। जिनमें कुमार पुरुषोत्तम भी शामिल है। फ्रेंक नोबल अब तक बालाघाट में अपर कलेक्टर के रूप में पदस्थ थे। उल्लेखनीय है कि जिले में अल्प अवधि में ही कलेक्टर के तबादले हो रहे हैं। पिछले 3 साल में 4 कलेक्टर बदले जा चुके हैं। विजय दत्ता के साथ जो क्रम शुरु हुआ है तो वह अब तक जारी बना हुआ है। देखना यह होगा कि अब यह आए नए कलेक्टर कब तक टिकते हैं। विवादित रहा है कार्यकाल वर्तमान कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का कार्यकाल विवादित रहा है। अपने 10 माह के अल्प कार्यकाल में यह तमाम विवादों से जुड़़े रहे तो दो मामलों में न्यायालय ने भी इन पर जुर्माना ठोंका। कलेक्टर विश्वनाथन के 17 जुलाई 2020 को स्थानातंरण के बाद इनका गुना आगमन हुआ था। इसके बाद से ही किसी न किसी विवाद में फंसते रहे। कोरोना संक्रमण काल में भी पत्रकारों के अस्पताल में पाबंदी, दो दिन पहले एक निजी अस्पताल को बंद कराने सहित कोरोना नमूनों की जांच कराने वालों को जांच रिपोर्ट आने तक क्वारंटाइन सेंटर भेजे जाने के इनके फैसले से इन्हें काफी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा। इसके साथ ही इसको लेकर उच्च स्तरीय शिकायतें तक की गईं थीं। कोरोना संक्रमण काल होने और अल्प अवधि में कुमार पुरुषोत्तम के तबादले को लेकर कोई स्पष्ट कारण तो सामने नहीं आया है, किन्तू इसे इन्हीं मामलों से जोड़ा जा रहा है। दत्ता से शुरु हुई चला-चली की बेला जिले में कलेक्टर की चला-चली की बेला विजय दत्ता से शुरु हुई। उनके बाद से कोई आईएएस जिला प्रशासन के मुखिया की कुर्सी पर ज्यादा समय तक नहीं टिक पाया और अल्प अवधि में ही उनका बोरिया बिस्तर बंध गया। गौरतलब है कि 18 अप्रैल 2018 को कलेक्टर राजेश जैन के तबादले के बाद विजय दत्ता का आगमन हुआ था। राजेश जैन करीब दो साल तक गुना कलेक्टर रहे, जबकि विजय दत्ता का कार्यकाल सिर्फ 8-9 माह का रहा। 18 अप्रैल को आए विजय दत्ता को 27 दिसंबर 2018 को रवानगी डालनी पड़ी। उनके स्थान पर भास्कर लाक्षाकार ने जिले की कमान संभाली। लाक्षाकार 13 मार्च 2020 तक कलेक्टर रहे। कुमार पुरुषोत्तम से पहले उनका कार्यकाल काफी विवादित रहा था। बहरहाल उनके स्थान पर 13 मार्च 2020 को कलेक्टर के रुप में एस विश्वनाथन का गुना आगमन हुआ। इनका कार्यकाल बेहद ही अल्प रहा और महज चार माह में ही इनका तबादला हो गया। हालांकि इस चार माह की अवधि में ही यह अपने व्यवहार और कुशल प्रशासनिक संचालन से छाप छोडऩे में सफल रहे। शहर के जगनपुर चक में सामने आई घटना के कारण इनका तबादला हुआ था। उस समय एसपी तरुण नायक भी हटाए गए थे। अधिकांशजन आज भी दोनों अधिाकरियों पर की गई कार्रवाई को गलत मानते हैं। बहरहाल विश्वनाथन के बाद कुमार पुरुषोत्तम 17 जुलाई 2020 को कलेक्टर की कुर्सी पर विराजे तो लोगों ने सोचा कि शायद अब कलेक्टर की चला-चली की बेला खत्म हो, किन्तू उनका सोचना गलत साबित हुआ और महज 10 माह में ही कुमार पुरुषोत्तम की रवानगी हो गई। वह भी ऐसे समय जब इसको लेकर कोई हलचल देखने को नहीं मिल रही थी। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

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