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वन विभाग सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे, जंगली जानवरों से न हो जन-धन हानि : मुख्यमंत्री

भोपाल, 25 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जंगली जानवरों के हमलों से किसी भी प्रकार की जन-धन हानि नहीं होनी चाहिए। इस संबंध में वन विभाग पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करे। सीधी जिले के ग्राम खैरी में जंगली हाथियों के हमले से हुई जन-धन हानि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इस प्रकार की घटनाएँ अन्यत्र न हों यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को यह निर्देश वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में दिए। बैठक में प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राजेश श्रीवास्तव, मुख्य वन्य-प्राणी अभिरक्षक आलोक कुमार आदि उपस्थित थे। समस्त सुरक्षात्मक उपाय करें मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय किए जाएँ। वन विभाग इसके लिए विशेष दलों का गठन करें, जिनके पास उपयुक्त वाहन, वायरलेस तथा अन्य सुरक्षात्मक उपकरण हों। दल के कार्यों की निगरानी प्रतिदिन वरिष्ठ अधिकारी करें। ईको विकास समितियों को सक्रिय करें उन्होंने कहा कि जंगली हाथियों और अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए ग्रामों में ईको विकास समितियों को सक्रिय करें तथा प्रत्येक ग्राम स्तर की एक रिस्पांस टीम बनाई जाए। यह टीम टाइगर रिजर्व के प्रबंधन से लगातार सम्पर्क में रहे। जंगली जानवरों के विचरण के संबंध में ग्रामवासियों को लगातार सूचनाएं दी जाएं। हाथियों के मूवमेंट पर निगरानी रखें मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी हाथियों के मूवमेंट पर सतत निगरानी रखें। हाथियों के दल को आबादी क्षेत्र से वनों की ओर ले जाने के प्रयास करें। यदि हाथियों का दल बस्ती की ओर आता है, तो ग्रामवासियों को समय रहते सचेत करें, जिससे किसी तरह की दुर्घटना न हो। हाथियों का आबादी क्षेत्र में प्रवेश रोकने के लिये वन विभाग के अधिकारी कार्य-योजना तैयार करें। हाथियों के मूवमेंट के संबंध में लाउड स्पीकर से ग्रामवासियों को लगातार सूचनाएँ दें। ग्रामीणों को जागरूक करें उन्होंने निर्देश दिए कि जंगली जानवरों से बचाव के संबंध में ग्रामीणों को जागरूक किया जाए। इस संबंध में जागरूकता अभियान चलाया जाए तथा कार्यशालाएँ आयोजित करें। इनमें पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों से हाथी विशेषज्ञ बुलाए जाएँ। ऐसे खदेड़ें जंगली हाथियों को मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिए कि जंगली हाथियों को खदेड़ने के लिए मिर्ची पाउडर का उपयोग, पटाखे फोड़ना तथा आग लगाना जैसे उपाय किए जाएँ। हाथियों की निरंतर निगरानी के लिए हाथी दल के मुखिया की 'रेडियो कॉलरिंग' के संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा की जाए। परिजनों को चार-चार लाख रूपये की सहायता मंजूर बैठक में बताया गया कि सीधी जिले के पोंड़ी बस्तुआ क्षेत्र के ग्राम खैरी में जंगली हाथियों के हमले से सोमवार को दो बच्चों सहित तीन व्यक्तियों की मौत हो गई। इस दुर्घटना में गोरेलाल यादव 50 वर्ष, रामलाल 10 वर्ष तथा रामप्रताप 8 वर्ष की मौत हो गई। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है। साथ ही अन्त्येष्टि के लिये पाँच-पाँच हजार रुपये की सहायता राशि तथा संकटापन्न परिवारों को दस-दस हजार रुपये की अतिरिक्त सहायता मंजूर की गई है। घर की मरम्मत के लिए एक-एक लाख रुपये मुख्यमंत्री ने कहा कि हाथियों द्वारा जिन घरों को नुकसान पहुँचाया गया है, उनकी मरम्मत के लिये प्रभावित परिवार को एक-एक लाख रूपये की सहायता राशि दी जायेगी। हाथियों ने जिन आवासों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है, उनके भवन मालिकों को प्रधानमंत्री आवास योजना से नवीन आवास मंजूर किये जायेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/राजू

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