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शिक्षा में प्रथम चिंतन राष्ट्रहित में हो : राज्य मंत्री परमार

भोपाल, 24 फरवरी (हि.स.)। प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा है कि वर्तमान में शिक्षा में हमारा चिंतन निज हित में न होकर राष्ट्र हित में होना चाहिये। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से वर्तमान शिक्षा व्यवस्था की कमियों को दूर कर युवा पीढ़ी को उसका लाभ दिलाया जाएगा। मंत्री परमार बुधवार को राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड अंतर्गत सबके लिये शिक्षा (ईएफए) विद्यालय योजना की कार्यशाला के दौरान प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान भोपाल में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षित युवा पीढ़ी ही आत्म-निर्भर भारत और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के सपने को साकार करेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य मुक्त विद्यालय बोर्ड द्वारा सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जिसमें भाषा प्रयोगशाला, रीडिंग मैराथन और खुश स्कूल-खुश शिक्षक विषय शामिल किए गए थे। कार्यशाला के समापन अवसर पर सभी प्रतिभागी समूहों द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान में विगत 4 माह से 200 अध्यापकों को तमिल भाषा तथा कन्नड़ भाषा का अध्यापन तथा बोलने का अभ्यास कराया गया। इस बहुभाषी पाठ्यक्रम की समाप्ति पर छात्रों द्वारा तमिल तथा कन्नड़ भाषा में रंगारंग प्रस्तुतियाँ भी दी गई। मध्यप्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय बोर्ड के निदेशक प्रभात राज तिवारी ने मुक्त विद्यालय बोर्ड के माध्यम से स्थापित किए जा रहे विश्व स्तरीय 53 विद्यालयों की रूपरेखा प्रस्तुत की। संस्थान के निदेशक धीरेंद्र चतुर्वेदी ने संस्थान की गतिविधियों से अवगत कराया और नई शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में संस्थान में किए जा रहे नवाचारों की जानकारी भी दी। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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