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समस्या पर चिंतन से अच्छा उसका हल ढूंढें: सूबेदार

गुना, 18 मार्च (हि.स.)। समस्या पर चिंतन करने से अच्छा है, उसका हल ढूंढें। इससे ही स्वयं और समाज आगे बढ़ता है। क्योंकि, चिंतन से समस्या खत्म नहीं होती है। एक सही नारी हजार नारियों का रास्ता प्रशस्त करती है। सही रास्ता हमेशा मंजिल तक पहुंचाता है, लेकिन बच्चों के जीवन में मां-बाप अहम भूमिका निभाते हैं। यह बात सूबेदार मोनिका ने पीजी कॉलेज की एनएसएस छात्रा इकाई के मावन में लगे शिविर के चौथे दिन गुरुवार को बौद्धिक सत्र के दौरान कही। राष्ट्रीय सेवा योजना छात्रा इकाई ने कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव के तत्वावधान में ग्रामीणों को नशामुक्ति तथा इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया। गांव की गलियों में छात्राओं ने नारे तथा नुक्कड़ नाटक के जरिए अपनी बातों को ग्रामीणों को सहजता से समझाया। नाटक में शिवी शर्मा, उम्मेहानी सैफी, समीक्षा यादव, पूनम कुशवाह, छाया जाटव, हेमलता अहिरवार ने भाग लिया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनुपमा ने गांववासियों को नशा मुक्ति के लिए नशामुक्ति केंद्र की सहायता लेने को कहा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन शिविर की शुरुआत व्यायाम तथा प्रार्थना द्वारा की जाती है। इसके बाद परेड होती है। नाश्ते के बाद प्रोजेक्ट वर्क के लिए छात्राएं गांव में निकल जाती हैं। बौद्धिक सत्र में पीयूष पैथोलॉजी के डॉ. विकास जाट तथा सूबेदार मोनिका उपस्थित रहीं। छात्राओं को संबोधित करते हुए सूबेदार ने कहा कि समस्या पर चिंतन करने से अच्छा है, उसका हल ढूंढें। एक सही नारी हजार नारियों का रास्ता प्रशस्त करती है। सही रास्ता हमेशा मंजिल तक पहुंचाता है, लेकिन बच्चों के जीवन में मां-बाप अहम भूमिका निभाते हैं। बौद्धिक सत्र के दूसरे भाग में विकास जाट ने कहा कि आज के समय में समाज को सबसे ज्यादा करूणा की जरूरत है। प्रेम तथा करुणा से ही एक सुदृढ़ समाज की स्थापना हो सकती है, जिसमें नारी की भूमिका अहम है। बौद्धिक सत्र की अध्यक्षयता कृष्णा जाटव तथा मुख्य अतिथि दीपमाला कुशवाह रहीं। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

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