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करोड़ों खर्च के बाद भी जिला मुख्यालय का अंधेरे में, विभागीय अधिकारी भी बेसुध

-बारिश और हवाओं के धीमी थपेड़ों में भी गुल हो रहीं घंटो बिजली अनूपपुर, 11 मई (हि.स.)। जिला मुख्यालय अनूपपुर में बिजली आपूर्ति की स्थिति दशकों बाद भी नहीं सुधर सकी। बिजली विभाग द्वारा प्रति वर्ष मेंटनेंश के नाम पर लाखों खर्च किए जाने के बाद भी यहां बारहो मास बिजली की आंख मिचौली एक जैसी बनी हुई है। पता नहीं घर की जलती बत्ती अचानक किस समय गुल हो जाए। सबसे अधिक परेशानी तो बारिश के दिनों में बनती है, जब बारिश से पूर्व या बारिश के दौरान हल्की तेेज हवाओं का आरम्भ होना और जिला मुख्यालय सहित अनूपपुर उपकेन्द्र से जुड़े 52 गांव की बिजली गुल हो जाती है। लेकिन आज तक इस स्थायी समस्या का निदान प्रशासनिक स्तर और बिजली विभाग द्वारा नहीं किया गया है। जबकि वर्ष 2013 के दौरान ही शहडोल जिला को अटल ज्योति योजना के तहत समायोजित करते हुए विद्युत विभाग द्वारा फीडर सेप्रेशन की सौगात दे डाली। लेकिन अनूपपुर में तत्कालीन अधिकारियों की लापरवाही में फीडर सेप्रेशन से वंचित अनूपपुर आज भी पल पल बिजली की अघोषित कटौती से त्रस्त है। फीडर सेप्रेशन से बचाने हाल के वर्षो में वर्ष 2020 में 3.35 करोड़ की लागत से तिपान नवीन उपकेन्द्र को स्थापित किया गया, लेकिन यह उपकेन्द्र भी जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति में सफेद हाथी साबित हो गई। हालात यह है कि करोड़ों खर्च के बाद भी अनूपपुर शहर को अंधेरे से राहत नहीं मिल रही है। बारिश और हवाओं की धीमी थपेड़ों में घंटो शहर की बिजली गुल हो रही है। ज्ञात हो कि अनूपपुर जिला मुख्यालय अंतर्गत नगरपालिका अनूपपुर सहित आसपास के 52 ग्रामीण अंचल शामिल हैं। जहां पूर्व में एक ही उपकेन्द्र जिसमें 5 एमवी की क्षमता होने के कारण लगातार भार की समस्या में शटडाउन की स्थिति बनती थी। इसे देखते हुए वर्ष 2017 में अनूपपुर उपकेन्द्र की 5 एमवी की क्षमता को 10 एमवी में तब्दील किया गया। लेकिन यह उपकेन्द्र फीडर सेप्रेशन से वंचित होने के कारण कभी भी ग्रामीण भार और फॉल्ट की स्थिति में अघोषित बिजली कटौती के रूप में सामने आ जाती थी। वहीं मानसून के समय यह कटौती 5-14 घंटों में तब्दील हो जाती थी। तीन करोड़ खर्च के बाद भी आधी नगरी अंधेरे में प्रदेश खाद्य मंत्री द्वारा तिपान नदी स्थित 3.35 करोड़ की लागत से नवीन विद्युत उपकेन्द्र का उद्घाटन किया गया। जिसमें अनूपपुर जिला मुख्यालय वासियों को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति बहाल की जा सकी। इससे ग्रामीण फीडर को अलग किया जाना था। साथ ही दोनों उपकेन्द्र में से किसी एक में तकनीकि खराबी आने पर दूसरे से नगर में तत्काल बिजली आपूर्ति बहाल रखी जा सके। लेकिन 3.35 करोड़ की लागत से स्थापित उपकेन्द्र भी पूरी अनूपपुर नगरी को रोशन नहीं कर सकी। आज भी अनूपपुर नगर के 15 वार्डो में 6-7 वार्ड अंधेरे में डूबा रहता था। बिजली विभाग के अनुसार जेल बिल्डिंग के पास एबी स्वीच लगाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी लाइन के कारण कभी भी फॉल्ट बनने पर इस एबी स्वीच को ऑफ कर दिया जाता है। जिसके कारण बस्ती, अमरकंटक तिराहा सहित आसपास के क्षेत्र की बिजली गुल रह जाती है, जबकि नगर के आधे हिस्से रोशन होते हैं। एक सप्ताह से घंटों बन रहा ब्लैकआउट अभी मानसून सीजन आरम्भ नहीं हुई है। लेकिन पिछले एक सप्ताह से लगातार तेज हवाओं के साथ बारिश में अनूपपुर उपकेन्द्र में घंटों का ब्लैकआउट बन रहा है। यह ब्लैक आउट एकाध घंटे का नहीं, पांच-छह घंटे और उससे अधिक समय का बन रहा है। अधिकारी का जवाब- अनूपपुर में फीडर सेप्रेशन की जरूरत नहीं शहडोल में अटल ज्योति योजना के उपरांत अनूपपुर में बिजली आपूर्ति के लिए फीडर सेप्रेशन जैसी व्यवस्था पर जबलपुर द्वारा मांगी गई जानकारी में तत्कालीन अधिकारी ने अनूपपुर के लिए मनाही कर दी थी। दिए गए जवाब में अधिकारी ने बताया कि अनूपपुर में फीडर सेप्रेशन जैसी आवश्यकता ही नहीं। जिसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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