सागर, 08 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश में अति कुपोषित और मध्यम कुपोषित बच्चों को स्वस्थ किये जाने के लिए एकीकृत पोषण प्रबंधन रणनीति कार्यक्रम चल रहा है। जिसे माह मार्च 2021 तक सभी बच्चों का पूर्ण स्वस्थ किये जाने का लक्ष्य है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में कलेक्टर दीपक सिंह के निर्देश पर कुपोषण मुक्त किये जाने की विशेष मुहिम चलायी जा रही है। जिले में कुपोषण दूर करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। जिले में 05 वर्ष तक के कुल बच्चों में से 4898 बच्चे अतिकुपोषित तथा 17413 मध्यम कुपोषित बच्चे दर्ज है। एकीकृत पोषण प्रबंधन रणनीति कार्यक्रम में इन बच्चों की स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से स्क्रीनिंग की जाती है तथा स्क्रीनिंग में भर्ती योग्य पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती किया जाता है। शेष बच्चे पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती योग्य नहीं पाये जाते हैं, उनका उपचार एकीकृत पोषण प्रबंधन रणनीति कार्यक्रम के अतर्गत आगनबाड़ी केन्द्र पर किया जाता है। इन बच्चों को आगनबाड़ी केन्द्र पर पांच प्रकार की दवाई की जाती है। एमाक्सीसिलिन सीरप (वजन के अनुसार) फोलिक एसिड , विटामिन ए (यदि एक माह पूर्व से नहीं दिया गया), मल्टीविटामिन, एल्बेन्डाजोल ये दवाइयां केन्द्र पर एएनएम के द्वारा दी जाती है। नियमित पूरक पोषणआहार के अतिरिक्त वनज के अनुसार अतिरिक्त पोषण आहार तथा सुगंधित दूध दिया जाता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी भरत सिंह राजपूत ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि जिले के सभी विकासखंडों में 185 आंगनबाड़ी केन्द्रों को महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा आयुष विभाग को विशेष जिम्मेवारी सौपी गयी है। इन केन्द्रों को ऐसे उप स्वास्थ्य केन्द्र जहां सीएचडी (पदस्थ है) से जोड़ा गया है तथा इन केन्द्रों मे आयुष विभाग के माध्यम से बच्चों की मालिश का तेल तथा सुपुष्टि धूर्ण उपलब्ध कराया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश-hindusthansamachar.in