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संभागायुक्त के निर्देश, सभी जलभराव वाले क्षेत्र चिन्हित कर फोकस करें और व्यवस्थाएं बनायें

भोपाल, 24 मई (हि.स.) । शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के पूर्व सभी तैयारियाँ सुनिश्चित करें। किसी भी जनहानि की आशंका के दृष्टिगत सभी जलभराव वाले क्षेत्र चिन्हित कर, अभी से उस पर फोकस करें और व्यवस्थाएं बनायें। नगर निगम के अधिकारी शहर में जलभराव की स्थिति निर्मित नहीं होने दें, अगर कहीं जलभराव होने की आशंका है तो वहाँ वर्षा पूर्व पानी की निकासी का उचित प्रबंध करना सुनिश्चित करें। उक्ताशय के निर्देश संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत ने सोमवार को संभागायुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में सम्पन्न बैठक में में नगर निगम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जोनल अधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों को दिए। श्री कियावत ने कहा कि शहर में वर्षा ऋतु के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति निर्मित होने से किसी भी अप्रिय घटना की आशंका रहती है । इसके लिए चिन्हित नदी-नालों के साथ चिन्हित स्थलों के आसपास किए गए अतिक्रमण को सख्ती से हटाएं और जलभराव की स्थिति निर्मित नहीं होने दें। श्री कियावत ने जलभराव की स्थिति से निबटने के लिए फतेहगढ़ में बनाये गये कंट्रोल रूम को 24 घंटे मॉनीटरिंग के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना की सूचना प्राप्त होने पर अथवा आशंका होने पर वरिष्ठ अधिकारी को तुरन्त सूचना दें। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्षा पूर्व डैम, तालाबों, जलाशयों में तार फेंसिंग, साइन बोर्ड, पेट्रोलिंग के साथ 24x7 कर्मचारियों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि तालाब जलाशय एवं पोखर में वर्षा काल के दौरान उक्त क्षेत्रों मेंअप्रिय घटना या दुर्घटना होने की आशंका रहती है। इसकी रोकथाम के लिए संभावित क्षेत्र में तार फेंसिंग और अधिक से अधिक संख्या में साइन बोर्ड लगाएं । बैठक में संभागायुक्त ने यह भी कहा कि वर्षा पूर्व प्राकृतिक आपदा की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड और पुलिस के अधिकारी संयुक्त बैठकें में आयोजित कर 15 जून तक सभी व्यवस्थायें पूर्ण करें। किसी भी लापरवाही की कोई गुजांइश नहीं रहेंगी। उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिए कि बाढ़ आपदा के दौरान जर्जर पुलियाँ, सरकारी मकान और छोटे-बड़े नालों की भी साफ-सफाई और जो जर्जर हो गए उन्हें भी मरम्मत का कार्य किया जाए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि स्कूलों को अस्थाई केम्प में परिवर्तित किया जाए ताकि इन शिविरों में किसी गंभीर आशंका के दृष्टिगत सूक्ष्मता से व्यवस्था कराई जा सकें। उन्होंने इसके लिए एक व्हाटसएप ग्रुप बनाकर आपसी समन्वय से जानकारियां साझा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा से निबटने के लिए राहत शिविरों के स्थान अभी से चिन्हित कर लें । हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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