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भाजपा ग्रामीण कार्यकारिणी घोषित होने के बाद शुरू हुई कलह

पार्टी कार्यक्रमों पर देखने को मिलेगा असर उज्जैन,20 जून (हि.स.)। उज्जैन में भाजपा जिला ग्रामीण की कार्यकारिणी की घोषणा लम्बे समय बाद जिला ग्रामीण अध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुण्डला ने बीती रात को कर दी। सूची जारी होते ही पार्टी में कलह शुरू हो गया और भोपाल तक फोन घनघना गए। कार्यकर्ताओं के अनुसार इसका सीधा असर आगामी दिनों में पार्टी कार्यक्रमों पर देखने को मिलेगा। यह आरोप भी लगे कि इस समय तीन सीटें कांग्रेस के पास हैं। बावजूद इसके पार्टी में गुटबाजी हावी रही। हारे प्रत्याशियों से लेकर वरिष्ठों तक से राय मशवरा नहीं किया गया। भाजपा जिला ग्रामीण की कार्यकारिणी लम्बे इंतजार के बाद घोषित हुई। पार्टी सूत्रों के अनुसार पूर्व से ही तय था कि घोषणा के बाद कलह मचेगा और उपर तक शिकायतें भी होंगी। सूची की घोषणा में देरी का कारण भी यही बताया गया। पार्टी सूत्रों का दावा है कि इस घोषणा के बाद अब जितने भी असंतुष्ट रह गए हैं,उन्हें कहीं न कहीं मोर्चा,प्रकोष्ठों में स्थान देकर समन्वय बैठाना होगा,वरना आगामी पंचायत चुनावों में एवं स्थानीय निकाय चुनावों में इसका मिलाजुला असर दिखाई देगा। चूंकि सत्तारूढ पार्टी है,ऐसे में विरोध बाहर से कम और अंदर ही अंदर अण्डर करंट की तरह अधिक नुकसान देगा। पदों पर जिन्हें बैठाया गया है,उनके कार्यो,वरिष्ठता एवं पार्टी में समयदानी के रूप में कितना सहयोग रहा, इस बात की समीक्षा करके कुछ की तो आलोचना की जा रही है। बड़ा परिवार है...यह सब तो होगा: बहादुरसिंह बोरमुण्डला इस संबंध में जिला ग्रामीण अध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुण्डला ने चर्चा में कहा कि भाजपा अब एक बड़ा परिवार है। सभी को मौका नहीं दिया जा सकता। हर किसी को पद चाहिए,यह संभव नहीं है। सभी जनप्रतिनिधियों एवं संगठन स्तर पर चर्चा करने के बाद ही सूची की घोषणा की गई है। यह तय था कि विरोध उपजेगा। अभी मोर्चा,प्रकोष्ठों में नियुक्तियां होना है,उसमें भी नाराज लोगों को एडजस्ट किया जाएगा। अधिक घमासान होगा नगर जिला कार्यकारिणी की घोषणा पर इधर भाजपा के सांगठनिक सूत्रों का दावा है कि ग्रामीण जिला इकाई के पदाधिकारियों की घोषणा से उतना विरोध नहीं उपजा है,जितना विरोध आनेवाले दिनों में भाजपा नगर जिला इकाई की घोषणा के बाद उपजेगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस समय शहर में तीनों जनप्रतिनिधि पूरी तरह से सक्रिय हैं। वहीं शहर की राजनीति कहीं न कहीं पूरे जिले को प्रभावित करती है। ऐसे में हर तरफ से पार्टी अध्यक्ष विवेक जोशी पर दबाव है कि वे उनके समर्थकों को अधिक से अधिक स्थान दें। सूत्र बताते हैं कि जोशी ने सूची को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि वरिष्ठों द्वारा जिनका अनुमोदन किया जाएगा,वही स्थान पाएगा। अब देखनेवाली बात होगी कि नगर जिला की सूची में किसे स्थान मिलता है और कौन अपने कितने अधिक समर्थकों को पद दिलवा पाता है। हिंदुस्थान समाचार/ललित ज्वेल

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