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कृषि कानूनों के विरोध में रेल पटरियों पर किया प्रदर्शन

- कांग्रेस के बड़े नेताओं ने आंदोलन से बनाई दूरी मुरैना, 18 फरवरी (हि.स.)। कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार को कांग्रेस व वाम दलों द्वारा किए गया रेल रोको आंदोलन मुरैनाा में टांय टांय फिस्स हो गया। यहां आंदोलन में दोनों दलों के मुठ्ठीभर कार्यकर्ता ही पहुंचे और उन्होंने भी पटरियों पर थोड़ी देर खड़े होकर अपने आंदोलन की इतिश्री कर दी। मुरैना रेलवे स्टेशन पर आंदोलनकारियों से कहीं अधिक संख्या तो पुलिसबल की थी। इसके अलावा बानमौर, नूराबाद, सांक पर भी पुलिस बल तैनात किया गया था। कृषि कानूनों के विरोध में देशव्यापी रेल रोको आंदोलन का आव्हान कांग्रेस व वामदलों ने किया था। इसी के तहत आज कांग्रेस व वामदलों के कार्यकर्ता एकत्रित होकर मुरैना रेलवे स्टेशन के पास महादेव नाका क्रासिंग पर पहुंचे। चूंकि यहां पर पहले से ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। इसलिए पुलिसबल ने पटरियों पर डटे कांग्रेस व वाम दलों के कार्यकर्ताओं को वहां से हटा दिया। तत्पश्चात वाम दलों के कार्यकर्ता महादेव नाका रेलवे क्रासिंग से रैली निकालते हुए चले गए। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता जीआरपी चौकी के सामने बैठ गए और वहां केन्द्र सरकार पर किसानों के साथ धौखा देने का आरोप लगाते कुछ नेताओं ने अपने संबोधन दिए। खासबात यह रही कि इस आंदोलन में कांग्रेस के बड़े नेताओं ने दूरी बना ली थी। मुरैना में आंदोलन की बागड़ोर शहर जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा ने संभाल रखी थी। उधर किसानों के नाम पर किए जा रहे इस आंदोलन से किसान नदारद थे। हालांकि कांग्रेस नेता यह कहकर अपना तर्क दे रहे थे कि हम सभी भी किसान हैं। मुरैना रेलवे स्टेशन पर इस आंदोलन को ध्यान में रखते हुए ढाई सैकड़ा से अधिक पुलिस बल तैनात किया था। इसके अलावा बानमौर, नूराबाद आदि स्थानों पर भी पुलिस बल लगाया गया था। मुरैना रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हंसराज सिंह व एसडीएम आरएस बाकना आंदोलनकारियों पर नजर रखे हुए थे। आंदोलनकारी किसी तरह का उपद्रव न करें इस वजह से अधिकारी लगातार उनसे बातचीत भी कर रहे थे। हिन्दुस्थान समाचार/शरद-hindusthansamachar.in

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