सिर्फ नाम के डिलेवरी प्वाइंट, जरूरत के समय नहीं मिलता स्टाफ
सिर्फ नाम के डिलेवरी प्वाइंट, जरूरत के समय नहीं मिलता स्टाफ गुना 21 फरवरी (हि.स.) । जिले के ग्रामीण अंचल में बनाए गए डिलेवरी प्वाइंट अव्यवस्था का शिकार हैं। यहां जरूरत के समय या तो ताला लगा मिलता है या फिर स्टाफ गायब। मजबूरी में गर्भवती महिलाओं को डिलेवरी के लिए सीएससी या जिला अस्पताल ही जाना पड़ रहा है। डिलेवरी प्वांइटों की जमीनी हकीकत सीएमएचओ के निरीक्षण में कई बार सामने आ चुकी है। बीते रविवार को पगारा स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगा मिला था। जानकारी के मुताबिक सरकार जननी सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। यही कारण है कि गर्भवती महिलाओं की प्राथमिक जांच से लेकर प्रसव के लिए पंचायत स्तर पर डिलेवरी प्वाइंट बनाए गए हैं। यहां एएनएम से लेकर सीएचओ (कम्प्यूनिटी हैल्थ ऑफीसर) की पदस्थापना की गई है। लेकिन नियमित मॉनीटरिंग के अभाव में ग्रामीण अंचल के अधिकांश डिलेवरी प्वाइंट सिर्फ नाम के होकर रह गए हैं। यहां स्टाफ न तो नियमित रूप से आता है और न ही पूरे समय ड्यूटी देता है। जिसके कारण जरुरत के समय यहां ताला लगा मिलता है। मजबूरीवश गर्भवती महिला के परिजनों को उसे लेकर नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर जिला अस्पताल ही लाना पड़ रहा है। पगारा उपस्वास्थ केंद्र की घटना के बाद हरकत में आया महकमा स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं ढर्रे पर चल रही हैं। हर बार बड़ी घटना के बाद ही महकमा हरकत में आता है। बीते रविवार को पगारा उपस्वास्थ्य केंद्र के गेट पर एक गर्भवती महिला की डिलेवरी होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। संबंधित एएनएम, सीएचओ तथा बीमएओ के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद व्यवस्था को सुधारने वीडियो कॉलिंग का सहारा लिया जा रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इस तरह की व्यवस्थाएं कुछ दिनों तक ही जारी रहती हैं और फिर धीरे धीरे सब कुछ सामान्य हो जाता है। हालांकि इस बार कहा जा रहा है कि अब बीएमओ को अपने क्षेत्र के डिलेवरी प्वाइंटों की जिम्मेदारी दी गई है। वे सुबह, दोपहर व शाम को स्टाफ की मॉनीटरिंग वीडियो कॉल के जरिए करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक