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दशकों पुराने 87 स्कूल भवन जीर्ण-शीर्ण, शिक्षा विभाग ने मांगे 40 नए स्कूल भवन

अनूपपुर, 04 मार्च (हि.स.)। दशकों से शिक्षा की पाठशाला रही ऐसे आधा सैकड़ा से अधिक स्कूल भवनों को हटाया जाएगा और उसकी जगह विभाग की प्रस्तावित नए भवन बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रशासन के निर्देश में लोक निर्माण विभाग ने जिले की प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में सर्वे का कार्य कराते हुए लगभग 87 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को जीर्ण शीर्ण बताया है। साथ ही उसके ध्वस्त किए जाने की अनापत्ति भी जारी की है। विभाग द्वारा सर्वेक्षण कार्य में जिले के चारो विकासखंड के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को शामिल किया गया है। इससे जर्जर स्कूल भवनों में संचालित हो रही प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की कक्षाओं व छतों से टूटकर गिरने वाले सीमेंट की परत के खतरे से छात्रों व शिक्षकों को राहत मिल जाएगी। जिला शिक्षा परियोजना अधिकारी हेमंत खैरवाल ने बताया कि सभी चिह्नित स्कूल भवनें लगभग पांच से सात दशक पुरानी है। इनमें कुछ 30 वर्ष पुराने भवन भी है। जिसमें कक्षाओं का संचालन बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से असुरक्षित था। यह भवन कभी भी हादसे का शिकार बन सकती थी। इस सम्बंध में शासन स्तर से जानकारी मांगी गई थी। जिसमें जिले से 87 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों का चयन किया गया है। इसमें अनूपपुर विकासखंड की 16 (15 प्राथमिक 1 माध्यमिक), जैतहरी में 17 प्राथमिक स्कूल,कोतमा की 31 (29 प्राथमिक 2 माध्यमिक) एवं पुष्पराजगढ़ की 23 (18 प्राथमिक 5 माध्यमिक) शामिल हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा इसे ध्वस्त करते हुए स्कूल प्रबंधन समिति एवं ग्राम पंचायत द्वारा स्कूल परिसर से भवन के मलबा को हटाने जाने की कार्रवाई भी करेंगे। इस दौरान भवन से निकलने वाली सामानों का पुर्नउपयोग और नीलामी युक्त सामानों से प्राप्त राशि का लेखा जोखा का प्रमाण पत्र जिला शिक्षा केन्द्र अनूपपुर में प्रस्तुत करने के निर्देशित किया गया है। साथ ही यह भी बताना होगा कि परिसर में मलबा नहीं है। 30 मिले, 40 की और मांग विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जिले की जर्जर प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की सूची में अबतक 10-10 स्कूलों सहित कुल 30 स्कूलों के निर्माण की अनुमति मिल चुकी है। लेकिन अधिक संख्या में ध्वस्त होने वाले स्कूलों की तादाद में अब भी 40 और भवनों की आवश्यकता है। इसके लिए शासन को 40 नए स्कूल भवनों की मांग की गई है। बताया जाता है कि 40 की पूर्ति होने के कारण ध्वस्त हुए स्कूलों की संख्या में स्कूलों की आवश्यकता को पूरा किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि जिले में 1162 प्राथमिक और 392 माध्यमिक स्कूल संस्थाएं हैं। तीन स्कूल भवन विहीन एक ओर जहां जर्जर भवन की जगह नए भवन की कवायद की जा रही है। वहीं जिले में तीन स्कूल भवन विहीन संचालित हो रहे हैं। इनमें प्राथमिक स्कूल मुडधोबा पसान, प्राथमिक स्कूल लेबर कॉलोनी बरगवां और प्राथमिक स्कूल आदर्श गांव सिवनी जैतहरी शामिल हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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