Death of volunteer who put trial dose of covaxine, Digvijay visited family
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कोवैक्सीन का ट्रायल डोज लगवाने वाले वालंटियर की मौत, परिजनों से मिलने पहुंचे दिग्विजय

भोपाल, 09 जनवरी (हि.स.)। राजधानी भोपाल में भारत बॉयोटेक की कोरोना कोवैक्सीन का ट्रायल डोज लगवाने वाले वालंटियर दीपक मरावी (47) की मौत पर राजनीति शुरू हो गई है। मप्र पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह शनिवार को मृतक दीपक मरावी के परिजनों से मिलने पहुंचे। यहां दिग्विजय सिंह ने मृतक की पत्नि व तीनों बच्चों से बात की। मृतक की पत्नी ने दिग्विजय सिंह को बताया कि उनकी बिना जानकारी के उनके पति को टीका लगाया गया। उनके पति को कोई भी बीमारी नहीं थी, टीका लगने से ही उनकी मौत हुई है और उनकी मृत्यु के बाद शासन प्रशासन ने आज तक सुध नहीं ली। पीडि़त की व्यथा सुनने के बाद दिग्विजय सिंह ने मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि वे उनके परिवार की मदद करेंगे और स्व दीपक मरावी के छोटे बेटे पवन के दिल में छेद है जिसका वे व्यक्तिगत रूप से इलाज करवाएंगे। पीडि़त परिवार से मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि भारत बॉयोटेक के टीके कोवैक्सीन के परीक्षण के बाद ही दीपक मरावी की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि मैं निंदा करता हूँ चिकित्सा शिक्षा मंत्री की जिन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता रचना को टुकड़े टुकड़े गैंग का सदस्य बताया, जिन्होंने इस मामले को उठाया। दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया कि आखिर गरीब लोगों पर ही क्यों टीके के परीक्षण किए जा रहे हैं और फिर परीक्षण के बाद उनपर कोई निगरानी नही रखी जा रही? तो फिर परीक्षण क्यों किया गया? उन्होंने कहा कि वे पीढि़त परिवार के साथ खड़े हैं और उनकी हरसंभव मदद करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय-hindusthansamachar.in

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