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तालाबंदी की घोषणा से दूसरे दिन भी बाजार में उमड़ी भीड़

रतलाम, 09 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना संक्रमण की चिंताजनक स्थिति के बाद जिला प्रशासन ने गुरुवार को घोषणा करतेे हुए शुक्रवा, 09 अप्रैल को शाम 6 बजे से नौ दिन की तालाबंदी कर दी है। यह 19 अप्रैल को प्रात: 6 बजे तक प्रभावशील रहेगी। प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि कोरोना गाईड लाईन का पालन करतेे हुए तालाबंदी के नियमों का पालन करें और किसी परिस्थिति में घबराए नहीं। तालाबंदी के दौरान जिला प्रशासन द्वारा दूध और सब्जी के वितरण की व्यवस्था के साथ ही अन्य आवश्यक जानकारी नागरिकों के लिए जारी की गई है। जिसमें बताया गया है कि घर-घर जाकर दूध वितरण करने वाले दूध विक्रेता तथा दूध पार्लर से पैकेट आपूर्ति हेतु प्रात: 6 बजे से प्रात: 10 बजे एवं सायंकाल 4 बजे से सायं काल 7 बजे तक दूध वितरण करने की अनुमति रहेगी। लॉकडाउन अवधि के दौरान सब्जी एवं फल विक्रेता फेरीवाले को घर-घर जाकर चलित रूप से विक्रय करने की अनुमति प्रात: 8 बजे से सायं काल 5 बजे तक रहेगी। किराना दुकानों से होम डिलीवरी प्रात: 10 बजे से सायं 6 बजे तक की जा सकेगी तथा ग्रामीण दुकानदारों की आपूर्ति हेतु सायं 6 बजे से प्रात: 10 बजे तक क्रय कर लाने ले जाने की अनुमति रहेगी। गैस एजेंसी द्वारा एलपीजी गैस सिलेंडर का घर-घर प्रदाय चालू रहेगा। न्यूज़पेपर वितरण हेतु प्रात: 6 बजे से प्रात: 9 बजे तक अनुमति रहेगी। जिले में संचालित टिफिन सेंटर को टिफिन वितरण प्रात: 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक एवं सायं 5 बजे से 8 बजे तक की अनुमति रहेगी। जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण से आमजन के स्वास्थ्य, सुरक्षा और आशंकित संकट को दूर करने के लिए लॉकडाउन के नियमों का पालन करें। बाजारों में उमड़ी भीड़ नौ दिन के तालाबंदी की घोषणा होते ही गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी बाजारों में इतनी भीड़ उमड़ पड़ी। प्रमुख बाजारों में जाम की स्थिति बनी रही। खाने-पीने की दुकानों पर सबसे अधिक भीड़ थी, यहां तक की आटा चक्कियों पर भी अत्यधिक भीड़ होने के कारण कई लोगों को निराश होकर घर जाना पड़ा, क्योंकि शाम 6 बजे से तालाबंदी प्रभावशील होने के कारण चक्की वालों ने आटा पिसने सेे मना कर दिया और यही स्थिति किराना की दुकानों पर भी थी। तालाबंदी को लेकर कई सामाजिक संस्थाओं ने विरोध जताया और प्रशासन को ज्ञापन भी दिया। लोगों का कहना था कि कई शहरों में रतलाम से अधिक खराब स्थिति है, वहां इतने दिन की तालाबंदी नहीं लगी तो रतलाम में क्यों? लोगों ने जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह किया कि वेे इस संबंध में पुनर्विचार कर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करें। जनशक्ति ने तालाबंदी पर पुनर्विचार केे लिए अनुरोध किया लॉकडाउन पर पुनर्विचार हेतु जनशक्ति संयोजक राधावल्ल्भ खंडेलवाल ने आज जिलाधीश गोपालचंद डाड के नाम ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि सक्रमण की चैन तोडऩे के लिये लाँकडाउन एक बेहतर तरीका हो सकता है किन्तु देश की जनसंख्या क्षेत्रफल एवं उपलब्ध मोजूदा संसाधन को देखते हुए यह कामयाब नही हो सकता है। जब कई महीनो के देशव्यापी लाँकडाउन के बाद भी समस्या का हल नही हुआ एवं कोरोना रोकथाम में मददगार साबित नही होकर अर्थ व्यवस्था के लिए कष्ट दायक रहा तो जिला स्तर के नो दिन के लाँकडाउन से किस तरह समुचित समाधान होगा ? यदि प्रशासन ने कोई नयी रणनिति बनाई है तो जानकारी देवे ताकि आम जनता एवं सामाजिक संगठन सहयोग कर योजना को सफल बनावे ताकी परिणाम बेहतर एवं सकारात्मक आवे । नही तो यह यह लाँकडाउन समाधान की बजाय समस्या बन रहा है। व्यापार व्यवसाय चौपट हो रहा है,रोजाना मजदुरी करने वाले बहुत परेशान होरहे है। देश एवं प्रदेश की सरकार भी इस प्रकार के लाँकडाउन के पक्ष मे नही है। हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी

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