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माकपा ने की गेहूं उपार्जन पंजीयन की तिथि बढ़ाने की मांग, सीएम को लिखा पत्र

भोपाल, 20 फरवरी (हि.स.)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राज्य में गेहूं उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन नहीं होने पर चिंता व्यक्त की है। साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर पंजीयन की तिथि बढ़ाने की मांग की है। माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से गेहूं के पंजीयन के लिए अंतिम तारीख 20 फरवरी और चना व सरसों के लिए 25 फरवरी निर्धारित की गई है। इस पंजीयन के लिए सरकार की ओर से विज्ञप्ति भी जारी हुई है। ऑनलाइन पंजीयन के साथ ही प्रत्येक जिले में कई केंद्र स्थापित कर पंजीयन की व्यवस्था करवाई गई है। मगर इसके बाद भी किसानो का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। जसविंदर सिंह ने कहा कि इसमें पहली समस्या तो यह आ रही है कि मध्यप्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ की ओर से हड़ताल चल रही है। जाहिर है कि जब कर्मचारी ही हड़ताल पर हैं तो पंजीयन कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो भी पंजीयन केंद्र प्रत्येक जिले में खोले गए हैं, वहां पर पंजीयन के लिए जब भी किसान पहुंचते हैं तो अक्सर सर्वर डाउन होने की समस्या बताकर कर्मचारी पंजीयन दर्ज करने में असमर्थता व्यक्त कर देते हैं। जो किसान उक्त केंद्रों पर पंजीयन का आवेदन देकर आते हैं उनका पंजीयन दर्ज कर उनके मोबाइल पर भी सूचना प्राप्त नहीं हो रही है। माकपा नेता ने पत्र में मुख्यमंत्री का ध्यान एक तीसरी समस्या की ओर भी दिलाया और कहा कि निराश होकर जब किसान सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करता है तो पहली बार तो शिकायत दर्ज हो जाती है मगर जब उसके बाद भी यदि उसका पंजीयन नहीं होता और वह पुन: शिकायत करने की कोशिश करता है तो उसका नंबर ब्लाँक कर दिया जाता है। उन्होंने संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि हमें लगता है कि किसानों के पंजीयन में अवरोध पैदा करने के एक सोची समझी साजिश है। जो निजी कंपनियां और बिचोलिए कृषि व्यापार में सक्रिय हैं, वे ही किसानों के पंजीयन में अवरोध पैदा कर रहे हैं ताकि किसानों की फसल को औने पौने दामों पर लूट कर अपनी तिजोरियों को भरा जा सके। जसविंदर सिंह ने मुख्यमंत्री को तीन सुझाव देते हुए किसानों को राहत देने की बात कही। इनमें पहला-प्रत्येक पंजीयन केंद्र को निर्देश हो कि जो भी किसान पंजीयन के लिए आता है, उसका तुरंत पंजीयन किया जाये। सर्वर डाउन की समस्या का तत्काल समाधान किया जाये। दूसरा-जिन किसानों ने पंजीयन के आवेदन पंजीयन केंद्रों पर दिए हैं, उनका पंजीयन दर्ज कर इसकी सूचना भी उनके मोबाइल पर दी जाये। तीसरा-गेहूं के पंजीयन की तो 20 फरवरी अंतिम तिथि है, यदि गेहूं का पंजीयन बंद हो जाता है तो प्रदेश के लाखों किसान पंजीयन से वंचित हो जायेंगे। इसलिए जरूरी है कि गेहूं, चना और सरसों के पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 5 मार्च की जाये। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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