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कर्मचारी आंदोलन के कारण ग्रामीण क्षेत्र की सहकारिता सेवाएं प्रभावित

आंदोलन के कारण ग्रामीण क्षेत्र की सहकारिता सेवाएं प्रभावित रतलाम,08 फरवरी (हि.स.)। मध्यप्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर सहकारी समितियों के सहायक प्रबंधक, विक्रेता, लेखापाल, लिपिक, कम्प्युटर ऑपरेटर, भृत्य एवं चौकीदार शासन की अनदेखी के चलते आंदोलन की राह पर अग्रसर हो गए हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र की सहकारिता से जुड़ी विभिन्न सेवाएं प्रभावित हुई है। महासंघ के जिला सचिव चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि समिति कर्मचारियों की विभिन्न मांगें से लंबे समय से शासन के आदेश नहीं होने के कारण के लंबित है तथा इससे कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए 8 फरवरी से क्रमबद्ध आंदोलन का किया जा रहा है। तहसील अध्यक्ष अनुपम भट्ट ने बताया कि समिति कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारी घोषित किए जाने तथा शासकीय कर्मचारियों की भांति बीमा, वेतन आदि सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शासन ने जो राशन की कटौती की तथा कर्मचारिेयों पर बिना जांच के अपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं, इन्हें वापस लिया जाने तथा पीडीएस का वर्षों से लंबित कमीशन का भुगतान शासन ने नहीं किया है। विभिन्न प्रकार की फसलों का उपार्जन सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाता है लेकिन कमीशन, प्रासंगिक व्यय का कोई भुगतान शासन नहीं कर रहा है। इन सभी समस्याओं के चलते सहकारी क्षेत्र के कर्मचारियों का वर्षो से शोषण हो रहा है। इसको लेकर कर्मचारी क्रमिक आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जिला उपाध्यक्ष मनोज देराश्री का कहना है कि 8 फरवरी से कलमबंद हड़ताल के साथ ही 18 फरवरी को मुख्यमंत्री निवास का घेराव, 19 को भोपाल में रोशनपुरा चौराहे पर चक्काजाम किया जाएगा। इस आंदोलन के चलते प्रदेशभर की 4525 सहकारी समितियां तथा उचित मूल्य की दुकाने बंद रहेगी। शासन की लापरवाही के कारण आम नागरिकों को परेशानी हो सकती है। इन सभी मांगों को लेकर तहसीलदार तथा शाखा प्रबंधक को ज्ञापन सौपा गया है। ज्ञापन के दौरान राकेश बोराना, राकेश परमार, दशरथ आंजना, प्रहलाद पोरवाल, चेतनदास बैरागी, ऋतुराजसिंह चंद्रावत, दुष्यंतसिंह डोडिया, गेंदालाल शर्मा, जयराजसिंह आदि उपस्थित थे। ये हो रहा असर आंदोलन के चलते सहकारी समितियों की उचित मूल्य की दुकानें बंद रहने से आदिवासी अंचल के निवासियों को सामग्री नहीं मिल पाई, दिन भर आम्बा, शेरपुर, गुडरखेड़ा सहित विभिन्न ग्रामों में भटकते रहे। ग्राम आम्बा में ही किसान ईश्वरलाल (भंवरलाल) पाटीदार ने 181 पर शिकायत कर बताया कि वह दिन भर से परेशान हो रहा है किन्तु उसकी फसल उपार्जन का पंजीयन नहीं हुआ है। इस बारे में जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक दिलीप चौहान का कहना है कि फसल उपार्जन के लिए पंजीयन बंद नहीं होंगे, इसकी व्यवस्था की जा रही है। हिंदुस्थान समाचार/ शरद जोशी-hindusthansamachar.in

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