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कांग्रेसी बोले जीतने वाले को दिया जाए मौका,भाजपा के बोल हारे हुए या विधायक को नहीं देंगे टिकिट

गुना, 29 जनवरी (हि.स.)। राज्य निर्वाचन आयोग ने कुछ दिन पहले स्पष्ट किया है कि मार्च माह से आगे नगरीय निकाय के चुनाव नहीं बढ़ेंगे। इसके बाद राजनीतिक दलों ने अपने-अपने स्तर पर नगरीय निकाय के चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में गुना में शुक्रवार को कांग्रेस नेता व कार्यकर्ताओं की बैठक चुनाव के लिए बने पर्यवेक्षकों ने बैठक ली, जिसमें अधिकतर कांग्रेसियों ने कहा कि जीतने वाले को ही संगठन मौका दे। वहीं भाजपा की चुनाव समिति ने भोपाल में हुई बैठक में निर्णय लिया कि नगरीय निकाय का चुनाव हारे हुए प्रत्याशी या विधायक को नहीं दिया जाएगा। भाजपा के इस निर्णय से गुना जिले में कुछ दावेदार टिकिट की दौड़ से बाहर हो गए हैं। नगर पालिका चुनाव की तैयारियों के चलते कांग्रेस जनों की एक बैठक गुना के राजीव गांधी कांग्रेस भवन में हुई, जिसमें मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त किये गए पर्यवेक्षक नरेंद्र लाहोटी और रचना भार्गव उपस्थित हुए। जिसमें तैयारियों की समीक्षा की। इस बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षद पद का टिकिट दिए जाने को लेकर कांग्रेसजनों ने अपने विचार रखे, कुछ ने यहां तक कह दिया कि टिकिट उसको ही दिया जाए जो जीत सकता है। वार्ड स्तर पर समितियां बनाकर कांग्रेस लेगी राय इस बैठक में पर्यवेक्षक नरेंद्र लाहोटी ने बोलो कम काम ज्यादा करो, जिम्मेदारी का निर्वहन करो। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दिशा निर्देशों के अनुरूप प्रत्याशी का चयन किया जाएगा। वार्ड स्तर पर समितियां बना कर उनसे राय ली जाएगी। सहपर्यवेक्षक रचना भार्गव ने कहा कि घर-घर पहुंचकर संगठन को मजबूत बनाने पर काम करूंगी। उन्होंने ब्यावरा विधानसभा का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे ही रामचंद्र दांगी का टिकट फायनल हुआ तो वहां का हर कार्यकर्ता स्वयं को रामचंद्र दांगी समझ कर कार्य में जुट गया था और इस तरह हमने वहां जीत हासिल की। उन्होंने मैं की जगह हम बनने पर जोर दिया। ये बोले नेताजी जिला कांग्रेस अध्यक्ष हरिशंकर विजयवर्गीय ने कहा कि आलाकमान जिसका टिकट फायनल करेगा उसके लिये प्रत्येक कांग्रेस जन जी-जान से जुट जाएगा। पूर्व मंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल ने कहा कि गुना सीट हमेशा से कांग्रेस विचारधारा की रही है केवल दो बार भाजपा चुनाव जीत सकी है वह भी कांग्रेस के गलत प्रत्याशी चयन के कारण ऐसा हुआ था। नूरूल हसन नूर ने कहा कि जातिगत आधार की जगह व्यक्ति की कार्यकुशलता एवं लोकप्रियता के आधार पर कांग्रेस को प्रत्याशी चुनना चाहिये। इसके लिये प्रत्येक वार्ड में समिति बनाई जाकर उनसे राय ली जाना महत्वपूर्ण है। कैलाशनारायण भार्गव ने कहा कि लोकप्रिय, आर्थिक सक्षम एवं मूल कांग्रेसी को टिकट देने की पैरवी की। देवेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि जो मैदानी स्तर पर कार्य करता हो उसे टिकट दिया जाना चाहिये। रूपकिरण कौर ने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा जारी गाईडलाईन के आधार पर सक्रिय महिला कार्यकर्ता के टिकट चयन की आवश्यकता जताई। विश्वनाथ तिवारी ने कांग्रेस द्वारा की जा रही तैयारियों से पर्यवेक्षकों को अवगत कराया। नेताओं के बोल रजनीश शर्मा ने कहा कि जो वार्ड पार्षद का टिकट मांग रहे हैं वे जनता के कार्यों में सक्रिय रहें। विक्रम तोमर ने कहा कि कांग्रेस का मुकाबला इस बार 3 भाजपा से है। आनंद सक्सेना ने विशुद्ध कांग्रेसी व्यक्ति की प्राथमिकता पर जोर दिया। शंकरलाल खटीक ने कहा कि आसन्न शहरी चुनावों में भी ग्रामीणों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। गोपाल शर्मा ने कहा कि अध्यक्ष पद की जीत के लिये वार्ड प्रत्याशी मजबूत होना आवश्यक है। दीपेश पाटनी ने कहा कि पिछले पंद्रह सालों में नगरपालिका को भाजपा ने नरकपालिका बना दिया है इस मुददे को जनता के बीच ले जाना होगा। कांग्रेस से ज्यादा भाजपा में टिकट के दावेदार गुना नगर पालिका समेत आरोन, कुंभराज, चांचौड़ा, मधुसूदनगढ़ नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद टिकट के दावेदारों की संख्या काफी बढ़ गई है। गुना नगर पालिका में अध्यक्ष पद के लिए 39, कुंभराज में पांच, चांचौड़ा में छह, मधुसूदनगढ़ में चार दावेदारों के नाम सामने आ गए हैं। कांग्रेस में भी अध्यक्ष पद के लिए दावेदारों की संख्या कम नहीं हैं। गुना नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से चार नेताओं की पत्नियों के नाम तेजी से चल रहे हैं। वैसे आठ से दस महिला नेत्रियों के नाम इस पद के लिए चर्चाओं में बने हुए हैं। इसी तरह गुना नगर पालिका परिषद के 37 वार्डों में स्थिति ये है कि एक-एक वार्ड से भाजपा के सात से आठ और कांग्रेस के तीन से चार दावेदारों के नाम पार्षद पद के लिए सामने आ रहे हैं। भाजपा ने भी की तैयारी उधर नगरीय निकाय के चुनाव की तैयारियों के लिए बनी समिति की बैठक भोपाल में हुई, जिसमें तय हुआ कि हारे हुए प्रत्याशी, विधायक जैसे लोगों को नगरीय निकाय के अध्यक्ष पद का टिकट नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर भी भाजपा संगठन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। दावेदार अपने-अपने बायोडाटा वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचा रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक/राजू-hindusthansamachar.in

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