गुना की घटना पर दुष्प्रचार कर अपने पापों को छुपाना चाहती है कांग्रेस: विष्णुदत्त शर्मा
गुना की घटना पर दुष्प्रचार कर अपने पापों को छुपाना चाहती है कांग्रेस: विष्णुदत्त शर्मा

गुना की घटना पर दुष्प्रचार कर अपने पापों को छुपाना चाहती है कांग्रेस: विष्णुदत्त शर्मा

भोपाल, 16 जुलाई (हि.स.)। गुना की घटना के बहाने कांग्रेस मध्यप्रदेश के सामाजिक वातावरण को बिगाडऩे का षडयंत्र कर रही है, क्योंकि समाज में फूट डालना और अशांति पैदा करना उसकी संस्कृति रही है। गुना में जो घटना हुई है, उसका किसी समाज विशेष से कोई लेना-देना नहीं है। वह अतिक्रमण करने वाले और अतिक्रमण हटाने गए प्रशासनिक अमले के बीच का विवाद है। इस घटना के बहाने कांग्रेस अपने शासनकाल के पापों को छुपाना चाहती है और प्रदेश के वातावरण में जातिवाद का जहर घोलना चाहती है। यह बात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने गुरुवार को गुना की घटना के संबंध में कांग्रेस द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार पर रोष प्रकट करते हुए कही। अतिक्रमण करने वाले और प्रशासनिक टीम का विवाद उन्होंने कहा कि गुना में एक उत्कृष्ट महाविद्यालय निर्माण के लिए लगभग साढ़े चार हेक्टेयर जमीन उच्च शिक्षा विभाग को सौंपी गयी थी और 12 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इस जमीन पर गब्बू पारदी नामक व्यक्ति ने अतिक्रमण कर रखा था, जिसका लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है। जब प्रशासनिक अमला इस जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंचा, तो गब्बू पारदी ने उन लोगों को भडक़ा दिया, जो उसके संरक्षण में उस जमीन पर खेती कर रहे थे। गब्बू ने ही एक महिला को कीटनाशक पीने के लिए उकसाया और जब महिला को अस्पताल ले जाया जा रहा था तो गब्बू के इशारे पर ही कुछ लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया। कोई नहीं बख्शा जाएगा शर्मा ने कहा कि यह सही है कि हालातों को संभालने में प्रशासनिक टीम से चूक हुई और एक महिला और पुरुष के साथ पुलिस द्वारा मारपीट की गयी। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना को पूरी गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने गुना के कलेक्टर, एसपी और रेंज के आईजी को तुंरत प्रभाव से हटा दिया। संबंधित अधिकारियों को निलंबित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं और जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। स्वयं मुख्यमंत्री यह स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी नागरिक के साथ अत्याचार, अनाचार और बर्बरता सहन नहीं की जायेगी। दिग्विजय सिंह की भूमिका की भी जांच हो उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस घटना की जांच तो करा रही है, लेकिन इस मामले में दिग्विजय सिंह की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। इस प्रश्न का जवाब खोजा जाना चाहिए कि आखिर किसकी शह पर गब्बू पारदी ने इस जमीन पर कब्जा करने की हिम्मत जुटाई। उत्कृष्ट कॉलेज की भूमि से बेदखली की कार्रवाई नवंबर 2019 में शुरू की गई थी, लेकिन उस समय इस कार्रवाई को राजनीतिक दबाव के चलते रोक दिया गया था। कांग्रेस सरकार में यह दबाव किसने डाला होगा, इसका अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन जनता के सामने उस चेहरे को बेनकाब होना चाहिए। अपने पापों का प्रायश्चित करे कांग्रेस शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को प्रदेश का वातावरण खराब करने की बजाय उन पापों का प्रायश्चित करना चाहिए, जो उसकी सरकार के 15 महीनों में दलितों-आदिवासियों पर हुए हैं और कोई कार्रवाई नहीं हुई। 14 जनवरी 2020 को अल्पसंख्यक समुदाय के 25-30 लोगों ने सागर में दलित धनप्रसाद को उसी के घर में मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया। कमलनाथ सरकार ने धनप्रसाद का उचित इलाज भी नहीं कराया। शिवपुरी जिले में घर के बाहर शौच कर रहे वाल्मीकि समाज के 2 बच्चों को दंबगों ने निमर्मता पूर्वक पीट पीटकर मार डाला, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ को उन अबोध बच्चों की चींखें सुनाई नहीं दी। देवास में दलित समाज की बारात पर समुदाय विशेष के लोगों ने हमला किया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी, लेकिन कमलनाथ सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की। अलीराजपुर में पानी मांगने पर आदिवासियों को सरेआम पेशाब पिलाई गयी। इसी तरह राजगढ़ और छिंदवाड़ा जिले में भी घटनाएं हुई। उन्होंने कहा कि अपने झूठ, फरेब और अपनी कुटिल चालों से प्रदेश का माहौल बिगाड़ रहे कांग्रेसियों को यह बात समझ लेना चाहिए कि जनता सब जानती है। भाजपा की सरकार के आने के बाद जब प्रदेश दोबारा विकास और प्रगति की राह पर आगे बढऩा चाहता है, तो कांग्रेसी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने दुष्प्रचार में लग गए हैं। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर/केशव-hindusthansamachar.in

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