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साहित्य के माध्यम से करे देशभक्ति और राष्ट्रवाद का संचार : संस्कृति मंत्री

-उषा ठाकुर ने की साहित्य अकादमी की गतिविधियों की समीक्षा, कहा-मराठी, सिंधी, भोजपुरी और उर्दू साहित्य का करें हिंदी में अनुवाद भोपाल, 28 जून (हि.स.)। 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के अंतर्गत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले क्रांतिकारियों, देश भक्तों और महापुरुषों के विचारों को साहित्य के माध्यम से युवाओं तक पहुंचाए। इससे उनमें राष्ट्रवाद और देश के प्रति प्रेम का संचार होगा। यह बात राज्य की पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने सोमवार को मंत्रालय में मराठी, सिंधी, भोजपुरी साहित्य और उर्दू अकादमी की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि प्रमुख नगरों में ही नही बल्कि प्रदेश के सभी जिलों और कस्बों में सांस्कृतिक गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करे। मराठी, सिंधी, भोजपुरी और उर्दू के साहित्य को उन्नत करने के साथ उनका अनुवाद हिन्दी भाषा में भी करें। इससे भाषाओं के बीच का वैचारिक अंतराल काम होगा। बाजीराव पेशवा की समाधि पर 18 अगस्त को राज्य स्तरीय कार्यक्रम संस्कृति मंत्री ने मराठी साहित्य अकादमी की गतिविधियों पर चर्चा करतें हुए निर्देश दिए कि खरगोन में स्थित रावरखेड़ी में बाजीराव पेशवा की समाधि पर 18 अगस्त को एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाए। समाधि स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही एक अगस्त को महान क्रांतिकारी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी की पुण्यतिथि पर उनके अप्रतिम साहित्य 'गीता रहस्य' के विचारों को सरल भाषा में अनुवादित करें। गीता रहस्य के इन विचारों को सोशल और डिजिटल मीडिया के माध्यम से विद्यार्थियों तक पहुँचाए। इससे विद्यार्थियों में देश के प्रति उनके कर्तव्यों और दायित्वों का बोध होगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में वर्षों से बसें मराठी परिवारों के पुराने मंदिर, गढ़ी जैसी सांस्कृतिक विरासतें और उनकी संस्कृति का डॉक्यूमेंटेशन करें। प्रदेश की विभिन्न यूनिवर्सिटी में मराठी साहित्य डिपार्टमेंट के एचओडी को बुलाकर मराठी साहित्य के उन्नयन को लेकर बैठक करें। सिंधी साहित्य को अरबी लिपि से देवनागिरी लिपि में करे अनुवादित मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि सिंधी साहित्य को अरबी लिपि से देवनागरी लिपि में अनुवादित करें। इससे अधिक से अधिक लोग सिंधी साहित्य से परिचित हो सकेंगे और सिंधी साहित्य का उन्नयन हो सकेगा। स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले सिंधी समाज के महापुरुषों और क्रांतिकारियों के जीवन पर साहित्य और नाटक का निर्माण करें। महान क्रांतिकारी बिस्मिल के साहित्यिक योगदान पर कार्यक्रम करे आयोजित उर्दू अकादमी की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए उषा ठाकुर ने कहा कि महान क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल के साहित्यिक योगदान पर कार्यक्रम आयोजित करे, जिससे देश के युवा उनके राष्ट्रवादी विचारों से प्रेरित हो सकें। इसके साथ ही सूफी संतों की विचारधारा और सूफी साहित्य का हिंदी में भी अनुवाद करें, इससे दोनों भाषा के बीच की दूरी कम होंगी। छठ प्रसंग पर आधारित गीत और भजन कार्यक्रम महू में होगा आयोजित उन्होंने कहा कि भोजपुरी साहित्य अकादमी के कला पंचांग की गतिविधियों अनुसार छठ प्रसंग से संबंधित गीतों और भजन पर आधारित कार्यक्रम महू में आयोजित किया जा सकता हैं। संगीतकार चित्रगुप्त और मोतीलाल उपाध्याय जैसे भोजपुरी साहित्यकारों और कलाकारों के साहित्य पर शोध करें। उन्होंने कहा कि वीर कुंवर सिंह के योगदान पर आधारित 'विजय उत्सव' और निर्गुण भक्ति पर आधारित 'निर्गुण समारोह' का आयोजन करें। इससे लोगों में भोजपुरी साहित्य के प्रति रुचि बढ़ेगी और वे भोज क्षेत्र के महापुरुषों के योगदानों से भी परिचित हो सकेंगे। बैठक में संस्कृति संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी, मराठी साहित्य अकादमी के निदेशक उदय परांजपे, सिंधी साहित्य अकादमी के निदेशक राजेश कुमार वाधवानी, भोजपुरी साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. पी.के. झा और उर्दू अकादमी के निदेशक डॉ. नुसरत मेहदी सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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